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35 करोड़ फीचर फोन ग्राहकों पर Reliance Jio की निगाहें, चाइना को चुनौती

नई दिल्ली: Reliance Jio ने जिस तरह से एक संपूर्ण कम्यूनिकेशन तकनीक आधारित कंपनी बनने की नींव रखी है वह सिर्फ चीनी कंपनियों को 5G सर्विस में ही चुनौती पेश नहीं करेगी बल्कि यह आने वाले दिनों में भारत के हैंडसेट बाजार में चीन की कंपनियों के वर्चस्व को भी चुनौती देगी।

असलियत में रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने जिस तरह से देश के सभी 2G सेवा लेने वाले मोबाइल ग्राहकों को 4G व 5G में तब्दील करने की बात कही है। वह मोबाइल सेवा देने वाली मौजूदा टेलीकॉम कंपनियों के लिए भी खतरे की घंटी है। यही वजह है कि जियो की घोषणा को एक तीर से दो निशाने लगाने की बात कही जा रही है।

हार्डवेयर बनाएगी क्‍वालकॉम और इंटेल

Reliance Jio के अधिकारियों का कहना है कि उनकी कंपनी की तरफ से पेश किया जाना वाला नया हैंडसेट संभवत: दुनिया का पहला हैंडसेट होगा। इसके हार्डवेयर से लेकर सॉफ्टवेयर तक सब इक्विटी शेयरधारक कंपनियों ने बनाई होगी।

नए मोबाइल हैंडसेट का मूल हार्डवेयर क्‍वालकॉम और इंटेल बनाएगी जबकि इसका ऑपरेटिंग सिस्टम गूगल का होगा। माना जा रहा है कि गूगल इसके लिए अलग से एक विशेष एंड्रायड ऑपरेटिंग सिस्टम विकसित करेगी।
फेसबुक और वॉट्सएप भी अपनी तरफ से मदद करेंगे। उक्त सभी कंपनियां रिलायंस जियो की साझेदारी कंपनियां हैं।

एयरटेल और बीएसएनएल पर असर

इन सभी कंपनियों को एक साथ लाने के पीछे भारत का 35 करोड़ ग्राहकों का विशाल 2G बाजार है। ये ग्राहक अभी तक फीचर फोन इस्तेमाल कर रहे हैं। कंपनी मान कर चल रही है कि तकरीबन 6-8 करोड़ 2G ग्राहकों को आसानी से 4G स्मार्टफोन ग्राहकों में तब्दील किया जा सकता है जो उक्त सभी कंपनियों के लिए बिल्कुल ही एक नया बाजार होगा।

Reliance Jio की इस तैयारी का असर एयरटेल, बीएसएनएल पर परोक्ष तौर पर पड़ सकता है। अभी मौजूदा 35 करोड़ 2G ग्राहकों में से ज्यादा ग्राहक इन्हीं कंपनियों के हैं। यह पहला मौका नहीं है जब जियो ने दूसरी मोबाइल कंपनियों के ग्राहकों को अपनी तरफ आकर्षित किया है। इसके पहले भी वह दूसरी कंपनियों के 6 करोड़ मोबाइल फोन ग्राहकों को अपनी तरफ लुभा चुकी है।