नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम के निर्माण के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना में संशोधन को मंजूरी दे दी। संशोधित कार्यक्रम के तहत, सभी प्रौद्योगिकी नोड्स के लिए सेमीकंडक्टर फैब की स्थापना की परियोजना लागत के 50 प्रतिशत हिस्से की वित्तीय सहायता समानता के आधार पर प्रदान की जाएगी।
कंपाउंड सेमीकंडक्टर और उन्नत पैकेजिंग की विशिष्ट प्रौद्योगिकी एवं प्रकृति को देखते हुए, संशोधित कार्यक्रम; कंपाउंड सेमीकंडक्टर/सिलिकॉन, फोटोनिक्स/सेंसर/डिस्क्रीट सेमीकंडक्टर फैब और एटीएमपी/ओएसएटी की स्थापना के लिए योजना के तहत पूंजीगत व्यय के 50 प्रतिशत की समानता के आधार पर वित्तीय सहायता दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, योजना के तहत लक्षित प्रौद्योगिकियों में डिस्क्रीट सेमीकंडक्टर फैब्स भी शामिल होंगे।
इस कार्यक्रम ने भारत में फैब स्थापित करने के लिए कई वैश्विक सेमीकंडक्टर कंपनियों को आकर्षित किया है। संशोधित कार्यक्रम से भारत में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण के निवेश में तेजी आयेगी। संभावित निवेशकों से चर्चा के आधार पर, यह उम्मीद की जाती है कि पहली सेमीकंडक्टर सुविधा स्थापित करने का काम जल्द ही शुरू हो जाएगा।
भारत सेमीकंडक्टर मिशन, जो भारत में सेमीकंडक्टर के विकास और डिस्प्ले विनिर्माण इकोसिस्टम कार्यक्रम के लिए नोडल एजेंसी है, को सलाह देने के लिए उद्योग जगत और शिक्षा जगत के वैश्विक विशेषज्ञों की एक सलाहकार समिति का गठन किया गया था। सलाहकार समिति ने सर्वसम्मति से सिलिकॉन सेमीकंडक्टर फैब/सिलिकॉन फोटोनिक्स/सेंसर/डिस्क्रीट सेमीकंडक्टर फैब्स और ATMP/OSAT के सभी प्रौद्योगिकी नोड्स के लिए एकसमान समर्थन की सिफारिश की है, जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया है।
45NM और उससे अधिक के प्रौद्योगिकी नोड्स की मांग, अन्य के साथ-साथ वाहन, विद्युत और दूरसंचार अनुप्रयोगों के कारण अधिक है। इसके अलावा, यह हिस्सा कुल सेमीकंडक्टर बाजार का लगभग 50 प्रतिशत है।