स्वस्थ लोकतंत्र के लिए जरूरी है मीडिया का स्वतंत्र और जवाबदेह होना- ओम बिरला

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नई दिल्ली: भारत में लोकतांत्रिक परंपराओं की जड़ें प्राचीन काल से ही मजबूत रही हैं। ब्रिटिश और मुगल शासन भी भारतीय समाज के गणतांत्रिक और लोकतांत्रिक चरित्र को कम नहीं कर पाए थे। भारत की सभ्यता-संस्कृति और आध्यात्मिक ज्ञान बहुत प्राचीन है। दुनिया भर के लोग मानवीय मूल्यों और भाईचारे के बारे में जानने के लिए इस ‘देवभूमि’ में आते हैं। यह कहना है लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का। बिरला ने ये बातें ग्रेटर नोएडा में प्रेरणा जनसंचार व शोध संस्थान और गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित ‘प्रेरणा विमर्श 2020’ में अपने संबोधन के दैरान कही।

उन्होंने लोकतंत्र में स्वस्थ और स्वतंत्र मीडिया के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी, विभिन्न लेखकों, स्तंभकारों और स्वतंत्रता सेनानियों ने देशवासियों को प्रेरित करने में मीडिया का प्रभावी ढंग से उपयोग किया है। श्री बिरला ने कहा कि महात्मा गांधी के यंग इंडिया, तिलक के केसरी, गोखले के स्वराज और वीर सावरकर के गदर का योगदान इस दिशा में बहुत महत्वपूर्ण था। उन्होंने कहा कि जब राष्ट्र गांधीजी की 150 वीं जयंती मन रहा है, उनका सत्य और अहिंसा का संदेश दुनिया को एक नई दिशा प्रदान करता है।

इस तथ्य को रेखांकित करते हुए कि लोकतंत्र में मीडिया लोगों तक सूचना के प्रसार में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, श्री बिरला ने कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए यह आवश्यक है कि मीडिया अपने कामकाज में स्वतंत्र और जवाबदेह हो। उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान समय में जब मीडिया संचार और सोशल मीडिया के साधनों में विस्तार हुआ है, यह आवश्यक है कि समाज यह सुनिश्चित करने के लिए और अधिक सतर्क रहे कि उनका उपयोग एक नई दिशा प्रदान करने के लिए रचनात्मक तरीके से किया जाए। उन्होंने कहा कि मीडिया का युवाओं के लिए अत्यंत महत्व है और उन्हें ‘नए भारत’ के निर्माण की दिशा में काम करने के लिए मीडिया उन्हें प्रभावी ढंग से प्रेरित कर सकता है।

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स्वस्थ लोकतंत्र के लिए जरूरी है मीडिया का स्वतंत्र और जवाबदेह होना- ओम बिरला

श्री बिरला ने आशा व्यक्त की कि तीन दिवसीय समारोह के दौरान आयोजित होने वाली चर्चाएँ, बहस और संवाद पत्रकारिता को आगे बढ़ाने वाले युवा छात्रों के लिए बहुत फायदेमंद साबित होंगे और समाज के लिए और अधिक उपयोगी योगदान करने में उनकी मदद करेंगे। श्री बिरला ने विद्यार्थियों से मीडिया के नए उभरते स्वरूपों का व्यापक अधययन करने और समाज के हित में उनका प्रयोग करने का आवाहन किया और आशा व्यक्त की कि वह अपने प्रयासों में सफल होंगे।

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