प्रभावी मानसिक स्वास्थ्य को कैसे लायें दिनचर्या में

दीपक सेन
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नई दिल्ली: मेंटल हेल्थ की समझ और अवधारणा धीरे धीरे विकसित हुई है। बेहतर स्वास्थ्य का अर्थ मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से जागृत जीवन है। स्वास्थ्य की प्रारंभिक अवधारणा सिर्फ शारीरिक थी। 1948 में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने किसी व्यक्ति की पूर्ण शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्थिति को स्वास्थ्य में सम्मिलित किया था। 1980 आते आते इसमें एक नया पहलू जुड़ गया। अब एक व्यक्ति को तब स्वस्थ माना जाता है जब वह एक अच्छे शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, आध्यात्मिक और काग्निटिव रूप से स्वस्थ हो।

व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य शारीरिक स्वास्थ्य से भी बढ़कर है। मानसिक स्वास्थ्य हमारी सोच और हमारे व्यवहार का सूचकांक है। मानसिक स्वास्थ्य का दुरुस्त न होना अनेक समस्याओं की वजह बनता है। व्यक्ति का सुखी व स्वस्थ जीवन तब कहा जाता है जब वह शारीरिक बीमारियों और मानसिक विकारों से रहित हो और अच्छे पारस्परिक संबंधों का आनंद ले रहा हो।

आमतौर पर शारीरिक स्वास्थ्य को अधिक महत्व दिया जाता है तथा भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी की जाती है। वर्तमान वक्त में हमारा जीवन प्रतिस्पर्धा की गिरफ्त में है। हर कोई एक दूसरे से आगे जाना चाहता है। स्वास्थ्य के मूलतः पांच घटक हैं, शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, काग्निटिव तथा आध्यात्मिक। बेहतर खाना, नियमित मेडिटेशन, उचित आराम और एक्टिविटी व्यक्ति के जीवन को स्वस्थ बनाने में काफी अहम भूमिका अदा करती है।

व्यक्ति को जीवन के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। व्यक्ति को नियमित मेडिटेशन करना चाहिए और योग जैसी प्राचीन पद्धति से जुड़ना चाहिए। अच्छा स्वास्थ्य जीवन में तमाम कार्यों की सफलता का आधार बनता है। चाहे वह पारिवारिक मोर्चे पर जीवन से जुडे़ दायित्व हों या फिर प्रोफेशनल फ्रंट पर हमारी क्षमताओं का प्रदर्शन हो। अच्छे स्वास्थ्य के लिए शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के साथ काग्निटिव हेल्थ भी बेहद महत्वपर्ण है। स्वस्थ जीवन शैली ही अच्छे जीवन की नींव हैए लेकिन आज की भागदौड़ भरी जिंदगी बेहद कठिन है। इसके लिए कुछ प्रयास और अभ्यास जरूरी हैं। पौष्टिक भोजन और समय पर सोना जागना बहुत महत्व रखता है।

व्यक्ति की मानसिकता उसके मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर रखने में बड़ा योगदान देती है। खुश महसूस करना और नियमित रूप से मेडिटेशन करना मानसिक रूप से स्वस्थ रखने में काफी मददगार होता है। पॉजिटिव रहना और अपने जीवन के प्रति पॉजिटिव दृष्टिकोण रखना व्यक्ति को मानसिक रूप से स्वस्थ रखने में अहम भूमिका अदा करते हैं। रोजाना आनंद लेने के लिए समय निकालना, प्रकृति के बीच वक्त गुजारना, सोशल मीडिया को सीमित करना, छोटी छोटी बातों के लिए धन्यवाद देना बेहद जरूरी है। हम सूचना प्रौद्योगिकी के ऐसे दौर में जी रहे है, जहां एक भारतीय और अमेरिकी व्यक्ति अपने 24 में से औसत 7 घंटे सोशल मीडिया और मोबाइल पर गुजार देता है। ऐसे वक्त में मेडिटेशन, शारीरिक गतिविधि और टाइम मैनेजमेंट का महत्व दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है। व्यक्ति को स्वयं के इन पहलुओं पर अधिक ध्यान देना चाहिए।

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मुख्य संपादक
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