BJP को मात देने के लिए सोनिया गांधी ने बुलाई विपक्ष की बैठक, भेजा कई नेताओं को न्योता

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नई दिल्लीः BJP को मात देने के लिए विपक्षी दल पूरे दमखम के साथ जूट गए हैं। इसे लेकर 20 अगस्त को समान विचारधारा वाले दलों की एक बैठक बुलाई गई है। बैठक की मेजबानी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी करेंगी। इसमें कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ-साथ तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी आमंत्रित किया जाएगा। विपक्षी नेताओं की मुलाकात की तारीख आने वाले दिनों में दिल्ली में लंच या डिनर पर तय हो सकती है।

सूत्रों ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी और विपक्ष के समान विचारधारा वाले दलों के अन्य नेताओं को आमंत्रित किया जाएगा। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में विपक्षी गुट से काफी अधिक मतदान होने की संभावना है और इसमें राकांपा प्रमुख शरद पवार, राजद के लालू यादव और तेजस्वी यादव, सपा के मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव, नेकां के उमर अब्दुल्लाष, रालोद के जयंत चौधरी, सीपीएम के सीताराम येचुरी और अन्य शामिल हो सकते हैं।

केरल के पिनाराई विजयन, दिल्ली के अरविंद केजरीवाल, ओडिशा के नवीन पटनायक, तेलंगाना के के. चंद्रशेखर राव और आंध्र के जगन मोहन रेड्डी को 20 अगस्त की बैठक के लिए आमंत्रित किए जाने की संभावना नहीं है। इधर शिवसेना ने पुष्टि की है कि वह बैठक में भाग लेगी, जिसके लिए 20 अगस्त की संभावित तारीख दी गई है, लेकिन यह नेताओं की उपलब्धता पर निर्भर करेगा।

बता दें, हाल ही में ममता बनर्जी और शरद पवार ने विपक्ष के अलग-अलग नेताओं से मुलाकात की थी। RJD चीफ लालू यादव भी लगातार सक्रिय दीख रहे है। वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी मानसून सत्र में सक्रिय रहे हैं और विपक्ष के भीतर एकता बनाने की कोशिश कर रहे हैं।  राहुल गांधी ने मानसून सेशन के दौरान 17 विपक्षी पार्टियों के नेताओं को ब्रेकफास्ट पर बुलाया था। हालांकि बसपा और आम आदमी पार्टी के नेता इस ब्रेकफास्ट डिप्लोमेसी में शामिल नहीं हुए।

राजनीतिक पंडितों का मानना है कि 2024 लोकसभा इलेक्शन तक कांग्रेस विपक्षी एकजुटता को पहले से अधिक मजबूत कर बीजेपी के खिलाफ मजबूती से हमलावार होना चाहती है। माना जा रहा है कि इस रणनीति पर विपक्षी पार्टियां भी सहमत हैं। अगले साल यूपी विधानसभआ के होने वाले चुनाव में भी योगी सरकार के खिलाफ कांग्रेस मजबूत गठबंधन बनाने की कोशिश में है।

बैठक का महत्व इसलिए बताया जा रहा है, क्योंकि यह वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पार्टी में प्रमुख रूप से अपनी असहमति जताने वालों में से एक, कपिल सिब्बल द्वारा एक रात्रिभोज की मेजबानी के बाद सामने आया है, जिसमें समाजवादी पार्टी और अकाली दल सहित 15 दलों के 45 नेताओं ने भाग लिया था। माना जा रहा है कि इस अवसर पर विपक्षी एकता पर बल दिया गया, लेकिन कुछ नेता गांधी के नेतृत्व के खिलाफ थे।

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