बच्चे की मौत के बाद खुली प्रशासन की नींद, हेल्थ मैनेजर सहित 4 नर्स निलंबित

पुष्कर
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जहानाबाद: ऐम्बुलेंस  के अभाव में एक तीन वर्षीय बच्चे की मौत की ख़बर जब सुर्खियों में आई, तो जिला प्रशासन की नींद खुल गई। प्रशासन ने अपनी नाकामी पर पर्दा डालने के लिए त्वरित कार्रवाई करते हुए सदर अस्पताल के हेल्थ मैनेजर को सेवा मुक्त करने हेतु एक माह की नोटिस निर्गत करने के साथ ही ड्यूटी पर तैनात 4 नर्सों को निलंबित कर दिया है। इसके अलावें जिलाधिकारी की तरफ से अस्पताल में तैनात डॉक्टर और एम्बुलेंस ड्राइवर पर भी करवाई किए जाने को लेकर स्वास्थ्य विभाग को अनुशंसा पत्र भेजा गया है।

पूरा मामला ऐंबुलेंस के अभाव में एक तीन वर्षीय बच्चे की मौत से जुड़ा है। दरअसल अरवल जिला के शाहपुर गांव में एक बच्चे की अचानक तबीयत खराब हो गई। परिजनों के द्वारा आनन-फानन में उसे जहानाबाद सदर अस्पताल लाया गया, जिसे डॉक्टरों ने पटना रेफर कर दिया, लेकिन पटना जाने के लिए अस्पताल की तरफ से ऐंम्बुलेंस उपलब्ध नही कराया जा सका। काफी देर तक उसकी माँ लोगों से फरियीद करती रही लेकिन किसी ने उसकी एक नहीं सुनी और आखिरकार  बच्चे ने अपनी माँ के गोद मे ही दम तोड़ दिया।

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ऐंबुलेंस के अभाव में बच्चे के मौत की पूरी खबर न्यूज़ स्टंप सहित कई समाचार संस्थानों ने प्रमुखता से दिखाई, जिसके बाद प्रशासन की नींद खुली और उसने यह कार्रवाई की।

बहरहाल प्रशासन ने दोषिंयों पर त्वरित कार्रवाई तो कर दी, लेकिन अब सवाल यह है कि प्रशासन की नींद हमेशा मीडिया में खबर दिखाये जाने और किसी के मरने के बाद ही क्यों खुलती हैं?

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