रोहतास: बिहार में एक बार फिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार के गठन के साथ ही प्रदेश में बुनियादी बदलाव के स्पष्ट संकेत मिलने लगे हैं। खास तौर पर नए गृह मंत्री के तौर पर सम्राट चौधरी के पदभार संभालने के बाद पुलिस व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने और बदहाल शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने की दिशा में आक्रामक पहल शुरू हो गई है। इसी क्रम में रोहतास जिला प्रशासन ने सासाराम शहर की सड़कों को अतिक्रमण मुक्त बनाने के लिए व्यापक अभियान की शुरुआत कर दी है। यहां सम्राट का स्मार्ट एक्शन शुरू हो चुका है।
पुराना बस पड़ाव बनेगा वेंडिंग जोन
सासाराम के SDO नेहा कुमारी और SDPO दिलीप कुमार द्वारा जारी संयुक्त आदेश के अनुसार, शहर की प्रमुख सड़कों पर वर्षों से जमे फुटपाथी दुकानदारों, ठेला और फल-सब्जी विक्रेताओं को पुराने बस पड़ाव (डिपो) परिसर में विकसित वेंडिंग जोन में स्थानांतरित किया जाएगा। इसका उद्देश्य न केवल यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करना है, बल्कि आम नागरिकों को जाम और अव्यवस्था से भी राहत दिलाना है।
30 दिसंबर 2025 से 14 जनवरी 2026 तक विशेष तैनाती
आदेश के तहत 30.12.2025 से 14.01.2026 तक सासाराम के विभिन्न प्रमुख चौराहों और मार्गों पर दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारियों की दो पालियों में प्रतिनियुक्ति की गई है। सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक और दोपहर 2 बजे से रात 8 बजे तक प्रशासनिक व पुलिस बल लगातार निगरानी करेगा।
इन प्रमुख स्थानों पर रहेगी सख्त निगरानी
संलग्न आदेश के अनुसार जिन स्थानों को विशेष रूप से चिन्हित किया गया है, उनमें शामिल हैं—
- पोस्ट ऑफिस चौक (दाहिने व बाएं दोनों तरफ)
- धर्मशाला चौक
- करगहर मोड़
- रोजा रोड मेन गेट के पास
- करगहर मोड़ मस्जिद के पास
- समाहरणालय के सामने (EVM गोदाम के पास)
- सिविल कोर्ट के सामने
- पोस्ट ऑफिस के उत्तर बस स्टैंड/पार्किंग
- गौरक्षणी पुल के नीचे (दोनों तरफ)
इन सभी स्थानों पर अनधिकृत ठेला, दुकान और वाहन पार्किंग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
सासाराम सिविल कोर्ट के सामने नो-पार्किंग सख्ती
आदेश में स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि सिविल कोर्ट परिसर के सामने किसी भी परिस्थिति में वाहन पार्क नहीं किए जाएंगे। अधिवक्ताओं के वाहनों के लिए पूर्व से चिन्हित पार्किंग स्थल का ही उपयोग अनिवार्य होगा।
नगर निगम, पुलिस और परिवहन विभाग की संयुक्त कार्रवाई
इस अभियान में नगर निगम सासाराम, स्थानीय थाना, यातायात थाना और जिला परिवहन बल को आपसी समन्वय के साथ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। अवैध पार्किंग और अतिक्रमण के मामलों में कानून के तहत चालान और दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
स्थानीय प्रशासन को सौंपी गई पूरी जिम्मेदारी
जिला प्रशासन ने साफ किया है कि यह अभियान केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि स्थायी समाधान की दिशा में ठोस कदम है। इसके लिए स्थानीय प्रशासन को नियमित गश्ती, निगरानी और अनुपालन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है।
शहर की तस्वीर बदलेगी?
नीतीश सरकार की वापसी के बाद यह कार्रवाई इस बात का संकेत है कि सरकार अब शहरी अव्यवस्था, अतिक्रमण और ट्रैफिक अराजकता पर सीधे प्रहार करने के मूड में है। यदि यह अभियान जमीन पर प्रभावी ढंग से लागू होता है, तो सासाराम की सड़कों की तस्वीर और यातायात व्यवस्था में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
कुल मिलाकर, रोहतास जिला प्रशासन का यह कदम न सिर्फ सासाराम बल्कि बिहार के अन्य शहरों के लिए भी एक मॉडल बन सकता है—बशर्ते कार्रवाई निरंतर, निष्पक्ष और दबावमुक्त तरीके से जारी रहे।.