REC बनी महारत्न CPSE क्लब में शामिल होने वाली 12वीं कंपनी

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नई दिल्लीः ग्रामीण विद्युतीकरण निगम लिमिटेड (REC) को एक ‘महारत्न’ केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम का दर्जा दिया गया है। इस प्रकार, Rural Electrification Corporation Limited (REC) को संचालन और वित्तीय मामलों में अपेक्षाकृत अधिक स्वायत्तता प्रदान की गई है। वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले लोक उद्यम विभाग की ओर से इस आशय का एक आदेश कल जारी किया गया। वर्ष 1969 में स्थापित, REC एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) है, जो देश भर में बिजली क्षेत्र के वित्तपोषण और विकास पर ध्यान केंद्रित करती है।

 Rural Electrification Corporation Limited (REC) को ‘महारत्न’ का दर्जा दिए जाने से कंपनी के बोर्ड को वित्तीय निर्णय लेने के दौरान बढ़ी हुई शक्तियां हासिल होंगी। एक ‘महारत्न’ केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (CPSE) का बोर्ड वित्तीय संयुक्त उद्यम और पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनियों को शुरू करने के लिए इक्विटी निवेश कर सकता है और भारत एवं विदेशों में विलय तथा अधिग्रहण कर सकता है।

 इस विलय तथा अधिग्रहण की सीमा संबंधित CPSE की शुद्ध संपत्ति (नेट वर्थ) के 15 प्रतिशत हिस्से और एक परियोजना में 5,000 करोड़ रुपये तक सीमित होती है। बोर्ड कार्मिक एवं मानव संसाधन प्रबंधन और प्रशिक्षण से संबंधित योजनाओं की संरचना और कार्यान्वयन भी कर सकता है। ‘महारत्न’ के इस दर्जे के साथ, REC अन्य बातों के अलावा प्रौद्योगिकी आधारित संयुक्त उद्यम या अन्य रणनीतिक गठजोड़ में भी कदम रख सकता है।

REC के सीएमडी विवेक कुमार देवांगन ने कहा कि REC ने वैश्विक कोविड-19 महामारी के दौरान भी अपनी अनुकूलन क्षमता, लचीलेपन और लगातार प्रदर्शन के कारण यह उपलब्धि हासिल की है। देवांगन ने कहा, “वित्तीय वर्ष 2022 में, REC ने अपनी किफायती संसाधन प्रबंधन और मजबूत वित्तीय नीतियों के कारण, 10,046 करोड़ रुपये का अपना अब तक का सबसे अधिक शुद्ध लाभ कमाया और 50,986 करोड़ रुपये की शुद्ध संपत्ति (नेट वर्थ) अर्जित की।

कुमार देवांगन ने कहा कि REC ने DDUGJY और सौभाग्य जैसी भारत सरकार की प्रमुख योजनाओं की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और देश में ग्रामीण एवं घरेलू विद्युतीकरण के लक्ष्य को हासिल करने में योगदान दिया है। REC वर्तमान में वित्तीय और संचालन संबंधी समस्याओं को दूर करते हुए वितरण क्षेत्र में सुधार के लिए संशोधित वितरण क्षेत्र योजना (RDSS) के लिए नोडल एजेंसी की भूमिका निभा रहा है।

उन्होंने कहा,”हम अपने उन सभी हितधारकों को धन्यवाद देते हैं जिन्होंने इस कंपनी पर अपना भरोसा जताया है। विशेष रूप से हमारे उन कर्मचारियों को, जिन्होंने हमारे संचालन के पांच दशकों से अधिक समय तक अपना अटूट समर्थन दिया है। हम विद्युत मंत्रालय के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं जिसका मार्गदर्शन और समर्थन इस उपलब्धि को संभव बनाने में बेहद महत्वपूर्ण रहा है।”

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