लखनऊः मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन का सोमवार की रात को निधन हो गया। वह 85 वर्ष के थे। टंडन काफी समय से बिमार चल रहे थे, जिनका इलाज लखनऊ के मेदांता अस्पताल में चल रहा था। वे 14 जून से ही मेदांता अस्पताल मे भर्ती थे। टंडन के निधन की जानकारी उनके बेटे और उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन ने ट्वीटर के माध्यम से साझा की है।
आशुतोष टंडन ने ट्वीट कर लिखा, “बाबू जी नहीं रहे।” बता दें कि लालजी टंडन पिछले काफी वक्त से गंभीर रूप से बीमार चल रहे थे। लखनऊ के मेदांता में वह 14 जून से भर्ती थे। ज्यादातर समय वह वेंटिलेटर पर ही रहते थे।
बाबूजी नहीं रहे
— Ashutosh Tandon (@GopalJi_Tandon) July 21, 2020
लालजी टंडन की गिनती भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कद्दावर नेताओं में रही है। वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के करीबियों में माने जाते थे। जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने सक्रिय राजनीति से दूरी बना ली तो टंडन ने लखनऊ सीट से चुनाव लड़ा था। 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने रीता बहुगुणा जोशी को लखनऊ सीटसे हराया था। वे मध्य प्रदेश के राज्यपाल मनोनीत होने से पहले बिहार के राज्यपाल की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।
राज्पाल लालजी टंडन की निधन की ख़बर से सियासी गलियारों सहित उन्हें पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। लालजी टंडन की निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक व्यक्त किया है। उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर उन्होंने लिखा, “श्रीलाल जी टंडन संवैधानिक मामलों के अच्छे जानकार थे। उन्होंने अटल जी के साथ लंबे और करीबी संबंध का आनंद लिया। दुख की इस घड़ी में श्री टंडन के परिवार और शुभचिंतकों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं।“
Shri Lalji Tandon will be remembered for his untiring efforts to serve society. He played a key role in strengthening the BJP in Uttar Pradesh. He made a mark as an effective administrator, always giving importance of public welfare. Anguished by his passing away. pic.twitter.com/6GeYOb5ApI
— Narendra Modi (@narendramodi) July 21, 2020