इस बार नहीं विराजेंगे ‘लालबाग के राजा’,कमेटी की राय-हमारे लिए ‘देश ही देव’

मुंबई: कोरोना के चलते देश के सबसे मशहूर गणपति ‘लालबाग के राजा’ का इस साल आगमन नहीं होगा। जहां ‘लालबागचा राजा’ की मूर्ति स्थापित होती है, उससे कुछ ही दूरी पर कंटेनमेंट इलाका है। 86 सालों में यह पहली बार है जब लालबाग के राजा नहीं विराजेंगे।

सालों से चली आ रही इस परंपरा को खंडित करने का फैसला लेना आसान नहीं था। ऐसे में कमेटी के 1200 सदस्यों ने मीटिंग की। कोरोना के चलते जूम एप पर हुई यह मीटिंग करीब तीन घंटे तक चली। बैठक में सभी सदस्य एक बात पर एकमत थे कि ‘देश ही देव’ हैं। अंत में ‘लालबाग के राजा’ को इस साल नहीं विराजने का फैसला हुआ।

लालबाग के राजा के दर्शन करने हर दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, अमिताभ बच्चन तक लालबाग के राजा के दर्शन करने आते रहे हैं। मुंबई की इस सबसे मशहूर गणपति के प्रति लोगों की आस्था की वजह से ही इसके विसर्जन का जुलूस सुबह से शुरू होता है और विसर्जन स्थल तक पहुंचने में लगभग 19 घंटे तक का समय लग जाता है। इसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं।

आसान नहीं था फैसला लेना

86 सालों से चली आ रही लालबाग के राजा के आगमन की परंपरा को स्थगित करने का निर्णय लेना लालबाग का राजा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल के सदस्यों के लिए आसान नहीं था। मंडल के सचिव सुधीर साल्वी बताते हैं कि मंगलवार को बैठक हुई। इसमें 1200 सदस्य शामिल हुए। जूम एप पर हुई मीटिंग की शुरुआत रात 9 बजे हुई और यह 12 बजे तक चली। इसमें यह तय हुआ कि 22 अगस्त से शुरू हो रहे गणेशोत्सव के दौरान लालबाग के राजा की स्थापना नहीं की जाएगी। 

दीपक सेन
दीपक सेन
मुख्य संपादक