छोटी कंपनियों के लिए बड़ा फैसला, MCA ने किया पेड अप कैपिटल सीमा में संशोधन

News Stump
Advertisements

नई दिल्लीः कारपोरेट कार्य मंत्रालय (MCA) ने “छोटी कंपनियों” की चुकता पूंजी (Paid-up-capital) की सीमा में संशोधन किया है। संशोधन के बाद चुकता पूंजी की सीमा को “दो करोड़ रुपये से अधिक नहीं” से  “चार करोड़ रुपये से अधिक नहीं” कर दिया गया। इसके अलावें कारोबार को “20 करोड़ रुपये से अधिक नहीं” से बदलकर “40 करोड़ रुपये से अधिक नहीं” कर दिया गया है। इस संशोधन का उद्देश्य व्यापार सुगमता को बढ़ाना और “छोटी कंपनियों” के अनुपालन के बोझ को कम करना है।

इससे पहले कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत “छोटी कंपनियों” की परिभाषा चुकता पूंजी की उनकी सीमा को बढ़ाकर संशोधित की गई थी। इस संदर्भ में चुकता पूंजी की सीमा को “50 लाख रुपये से अधिक नहीं” को  “दो करोड़ रुपये से अधिक नहीं” कर दिया गया था। इसी तरह कारोबार को “दो करोड़ रुपये से अधिक नहीं” से बदलकर “20 करोड़ रुपये से अधिक नहीं” कर दिया गया था। इस परिभाषा को अब और संशोधित कर दिया गया है,

इस बदलाव के पिछे MCA का मानना है कि छोटी कंपनियां लाखों नागरिकों की उद्यमी आकांक्षा और उनकी नवोन्मेषी क्षमताओं का प्रतिनिधित्व करती हैं तथा रचनात्मक रूप से विकास व रोजगार के क्षेत्र में योगदान देती हैं। सरकार हमेशा इस बात के लिये संकल्पित रही है कि कानूनों का पालन करने वाली कंपनियों के लिये अधिक से अधिक व्यापार सहायक माहौल बनाया जाये, जिसमें इन कंपनियों के ऊपर से कानून अनुपालन के बोझ को कम किया जा सके।

चुकता पूंजी की सीमा में संशोधन से लाभ

  • वित्तीय लेखा-जोखा के अंग के रूप में नकदी प्रवाह का लेखा-जोखा तैयार करने की जरूरत नहीं।
  • संक्षिप्त वार्षिक रिटर्न तैयार और फाइल करने का लाभ।
  • लेखा परीक्षक के अनिवार्य रोटेशन की जरूरत नहीं।
  • छोटी कंपनी के लेखा-परीक्षक के लिये जरूरी नहीं रहा कि वह आंतरिक वित्तीय नियंत्रणों के औचित्य पर रिपोर्ट तथा अपनी रिपोर्ट में वित्तीय नियंत्रण की संचालन क्षमता प्रस्तुत करे।
  • बोर्ड की बैठक वर्ष में केवल दो बार की जा सकती है।
  • कंपनी के वार्षिक रिटर्न पर कंपनी सेक्रटेरी हस्ताक्षर कर सकता है या कंपनी सेक्रेटरी के न होने पर कंपनी का निदेशक हस्ताक्षर कर सकता है।
  • छोटी कंपनियों के लिये कम जुर्माना।
Advertisements

Share This Article
Follow:
With the system... Against the system
Leave a Comment