पटना: देर से ही सही आखिरकार चिराग पास ऐक्शन मोड में आ ही गए। लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) अध्यक्ष चिराग पासवान ने अपने चाचा पशुपति कुमार पारस समेत पार्टी के सभी बागी सांसदों को LJP से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। चिराग पासवान ने यह कठोर फैसला पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लिया गया है।
फैसले के मुताबिक पशुपति कुमार पारस, प्रिंस राज वीणा देवी, महबूब अली कैसर और चंदन सिंह को पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने की वजह से पार्टी की सक्रिय सदस्यता से निलंबित कर दिया है। इस फैसले के बाद वे पार्टी में किसी भी तरह के फैसले लेने के अधिकारी नहीं होंगे।
इधर LJP संसदीय दल के नेता पशुपति कुमार पारस के आवास पर लोजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई। इस बैठक में सर्वसम्मति से चिराग पासवान को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटा दिया। पारस समर्थित सांसदों ने LJP संविधान का हवाला देते हुए चिराग पासवान को इस पद से हटाया। मिली जानकारी के अनुसार 20 जून तक पशुपति कुमार पारस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल लेंगे।
बता दें, लोकसभा चुनाव 2019 में चुने गए LJP के छह सांसदों में से अकेले चिराग को छोड़ पशुपति पारस समेत सभी पांच एक तरफ हैं। पांचों ने दल के मुखिया चिराग पासवान को संसद के निचले सदन में पार्टी के नेता के पद से हटाने के लिए हाथ मिला लिया है। उनकी जगह उनके चाचा पशुपति कुमार पारस को इस पद के लिए चुन लिया है। सोमवार शाम को लोकसभा सचिवालय ने भी पारस को सदन में LJP के नेता के रूप में मान्यता दे दी है।
Read also: JDU के मास्टर प्लान से चित हुए चिराग, परिवार की पार्टी में बने दया के पात्र
Read also: अपने ही बुझा रहे बंगले का चिराग, चाचा समेत LJP के पांच सांसदों ने पकड़ी अलग राह