विश्व कल्याण के लिए ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ जरूरी- पीएम नरेंद्र मोदी

नयी दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कहा कि भारत को ‘आत्मनिर्भर’ बनाना होगा। इसके लिए प्रधानमंत्री ने एक व्यापक रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कई घोषणाएं भी कीं।

पीएम ने कहा कि ‘‘आत्मनिर्भर भारत’’ को विश्व कल्याण के लिए भी जरूरी है। कोरोना वायरस महामारी भी इस संकल्प से देश को नहीं डिगा सकती है। प्रधानमंत्री ने ‘मेक इन इंडिया’ के साथ ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ का नारा दिया और ‘‘राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य अभियान’’ की घोषणा की।

पारम्परिक कुर्ता-पायजामा और माथे पर साफा पहने पीएम ने 86 मिनट के अपने संबोधन में कहा कि आत्मनिर्भर भारत का मतलब सिर्फ आयात कम करना ही नहीं, अपनी क्षमता, अपनी रचनात्मकता, अपने कौशल को बढ़ाना भी है।

उन्होंने कहा कि सिर्फ कुछ महीने पहले तक एन-95 मास्क, पीपीई किट, वेंटिलेटर ये सब विदेशों से मंगवाये जाते थे लेकिन आज इन सभी में भारत न सिर्फ अपनी जरूरतें खुद पूरी कर रहा है, बल्कि दूसरे देशों की मदद के लिए भी आगे आया है।

उन्होंने कहा कि पिछले साल भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) ने अब तक के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। ‘‘भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। आज दुनिया की बहुत बड़ी-बड़ी कंपनियां भारत का रुख कर रही हैं। हमें ‘मेक इन इंडिया’ के साथ-साथ ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ के मंत्र को लेकर आगे बढ़ना है।’’

बतौर प्रधानमंत्री अपने सातवें स्वतंत्रता दिवस संबोधन में मोदी ने कहा कि भारत की संप्रभुता का सम्मान सर्वोपरि है और जिसने भी इस पर आंख उठाई, उस देश व उनकी सेना को उसकी ही भाषा में जवाब दिया। संप्रभुता के सम्मान के लिए देश व उसके जवान क्या कर सकते हैं, यह दुनिया ने लद्दाख में हाल ही में देखा।

उन्होंने कहा, ‘‘नियंत्रण रेखा (एलओसी) से लेकर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) तक देश की संप्रभुता पर जिस किसी ने आंख उठाई है, देश ने, देश की सेना ने उसे उसी की भाषा में जवाब दिया है। भारत की संप्रभुता का सम्मान हमारे लिए सर्वोच्च है। इस संकल्प के लिए हमारे वीर जवान क्या कर सकते हैं, देश क्या कर सकता है, ये लद्दाख में दुनिया ने देखा है।’’

पीएम ने गलवान घाटी में चीन के सैनिकों के साथ हुई झड़प में शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आतंकवाद हो या विस्तारवाद, भारत आज इनका डटकर मुकाबला कर रहा है।

पीएम ने कहा कि कोरोना महामारी के बीच भारतीयों ने आत्म-निर्भर होने का संकल्प लिया है और यह केवल शब्द नहीं बल्कि सभी लोगों के लिए मंत्र है। आखिर भारत कब तक कच्चे माल का निर्यात करेगा और तैयार उत्पादों का आयात करेगा, भारत को आत्म-निर्भर होना होगा। विश्व अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी बढ़नी चाहिए और इसके लिये हमें आत्म-निर्भर होना होगा।

उन्होंने कहा, ‘‘जब हम आर्थिक वृद्धि और विकास पर ध्यान केंद्रित करें तो मानवता इस प्रक्रिया में केंद्रीय भूमिका में होनी चाहिए।’’ हमारा मन पूरी तरह से ‘वोकल फॉर लोकल’ होना चाहिए।

पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थाई सदस्य के रूप में भारत को 192 में से 184 देशों के मिले समर्थन का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह दर्शाता है कि आज दुनिया का भारत पर विश्वास और मजबूत हुआ है।

उन्होंने कहा, ‘‘विश्व के 192 में से 184 देशों का भारत को समर्थन मिलना हर हिंदुस्तानी के लिए गर्व की बात है। विश्व में कैसे हमने अपनी पहुंच बनाई है यह उसका उदाहरण है। यह तभी संभव होता है जब भारत खुद मजबूत हो, भारत सशक्त हो, भारत सुरक्षित हो।’’

मोदी ने कहा कि हमारे पड़ोसी देशों के साथ चाहे वे हमसे जमीन से जुड़े हों या समंदर से, हम अपने संबंधों को और विश्वास के साथ जोड़ रहे हैं। ‘‘भारत का लगातार प्रयास है कि अपने पड़ोसी देशों के साथ अपने सदियों पुराने सांस्कृतिक, आर्थिक और सामाजिक रिश्तों को और गहराई दे।’’

उन्होंने दक्षिण एशिया के देशों का आह्वान करते हुए कहा कि पूरे क्षेत्र में जितनी शांति होगी, जितना सौहार्द्र होगा, वह मानवता के काम आएगा। ‘‘पूरी दुनिया का हित इसमें समाहित है।’’

‘मेक इन इंडिया’ के साथ ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ का नारा जोड़ते हुए मोदी ने भारत को आर्थिक नीतियों में सुधार और बुनियादी ढांचे के विकास के साथ विश्व आपूर्ति श्रृंखला में विनिर्माण के एक प्रमुख केंद्र के रूप में प्रस्तुत करने का संकल्प पेश किया।

उन्होंने कहा कि भारत अपनी 130 करोड़ जनता के समर्थन के साथ ‘मेक फॉर वर्ल्ड’ की दिशा में प्रगति करने का सामर्थ्य रखता है।

‘‘आत्मनिर्भरता’’ को कोरोना वायरस महामारी से मिली सबसे बड़ी सीख करार देते हुए प्रधानमंत्री ने ‘‘राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य अभियान’’ की घोषणा की और कहा कि इससे देश के स्वास्थ्य क्षेत्र में नई क्रांति आएगी और तकनीक के माध्यम से लोगों की परेशानियां कम होंगी।

उन्होंने कहा कि आज से देश में एक और बहुत बड़ा अभियान शुरू होने जा रहा है और यह है ‘‘नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन’’। ‘‘नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन, भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र में नई क्रांति लेकर आएगा। तकनीक के माध्यम से लोगों की परेशानियां कम होंगी।’’

देश के सर्वांगीण अवसरंचना विकास के लिए ‘‘राष्ट्रीय इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन परियोजना’’ में 100 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए जाने का एलान करते हुए उन्होंने बताया कि इसके लिए लगभग सात हजार परियोजनाओं को चिह्नित भी किया जा चुका है।

उन्होंने कहा कि भारत को आधुनिकता की तरफ तेज गति से ले जाने के लिए, देश के सर्वांगीण अवसंरचना विकास को एक नई दिशा देने की जरूरत है।