नई दिल्ली: विकास दुबे एनकाउंटर मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के पाले में चला गया है। आयोग के पास तहसीन पूनावाला ने शिकायत दर्ज कराई है। उत्तर प्रदेश के कानपुर में गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। एनकाउंटर का यह मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक पहुंच गया है। तहसीन पूनावाला की ओर से शिकायत दर्ज की गई है।
इस शिकायत में गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर के अलावा उसके पांच साथियों के मारे जाने की बात शामिल की गई है। साथ ही लिखा गया है कि विकास दुबे ने खुद सभी के सामने मध्यप्रदेश में उज्जैन में सरेंडर किया था।
पलटी हुई गाड़ी में अलग
इसके साथ ही दावा किया गया है कि वीडियो फुटेज में विकास दुबे टाटा सफारी में बैठा हुआ दिख रहा है। पलटी हुई दिखाई जा रही गाड़ी दूसरी है। ऐसे में यह एनकाउंटर संदेहास्पद लगता है। इस मामले की जांच के लिए अपील की गई है।
तहसीन पूनावाला ने आरोप लगाया गया कि विकास दुबे को इसलिए फर्जी एनकाउंटर में मार दिया गया। जिससे विकास के राजनीतिक और पुलिस महकमे में संबंध सामने ना आ पाएं।
एनकाउंटर पर कई तरह के सवाल
गौरतलब है कि जिस तरह से विकास दुबे का एनकाउंटर हुआ है। उस पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। एनकाउंटर साइट से कुछ दूर पहले मीडिया को क्यों रोका गया? सरेंडर के बाद भी विकास दुबे के भागने की बात कितनी जायज़ है? उत्तर प्रदेश पुलिस की अराजकता पहले से सवालिया निशान हैं? ऐसे में पुलिस की थ्योरी को कितना सही माना जाये? यदि विकास को भागना होता तो वह सरेंडर क्यों करता?
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आरोप लगाया है कि विकास दुबे का एनकाउंटर इसलिए कर दिया गया। जिससे राजनीतिक राज सामने ना आ सकें। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी विकास दुबे के एनकाउंटर पर सवाल खड़े किए हैं।