ख़बर का असरः गरीबी ने ले ली जान, परिजनों की सहायता के लिए आगे आया समाज

धनंजय कुमार

सारणः गुरूवार को छपरा मुफस्सिल थाना क्षेत्र के वार्ड संख्या 44 में एक शख्स ने कथित तौर पर लॉकडाउन की वजह से आई आर्थिक तंगी के कारण फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। आत्महत्या के कारण को रेखांकित करते हुए न्यूज़ स्टंप ने उस ख़बर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था और समाज, सरकार एवं अधिकारियों के समक्ष गुहार लगाई थी कि वे परिवार के बाकी बचे लोगों की सहायता के लिए आगे आएं।  आज उस ख़बर का असर देखने को मिला।

घटना के अगले दिन से जहां कई सामाजिक लोग सांत्वना देने के लिए मृतक के घर पहुंच रहे हैं, वहीं समाजसेवी धर्मेन्द्र सिंह ने परिजनों को ढांढस बंधाते हुए मदद के तौर पर दस हजार रूपए नगद सहित खाद्य सामग्री प्रदान की।उन्होंने जिलाधिकारी सारण और स्थानीय सांसद से मांग की कि स्थिति को देखते हुए वे मृतक के परिजनों को मिलने वाला मुआवजा मुहैया कराएं। इस दौरान समाजसेवी धर्मेन्द्र सिंह ने परिजनों को हिम्मत व धैर्य से काम करने का अनुरोध किया और कहा कि जरूरत पड़ी तो वे आगे भी मदद करते रहेंगे।

आपको बता दें आत्महत्या करने वाले शख्स का नाम सच्चिदानंद था और वह राजमिस्त्री का काम करता था। लॉकडाउन के कारण उसे अपना काम काम बंद करना पड़ा, जिसकी वजह से पूरा परिवार भुखों मरने के कगार पर आ गया था।उसके के परिवार में कुल चार सदस्य हैं। सदस्यों में दो लड़की, एक बेटा उसकी पत्नी हैं। बेटा-बेटी अभी स्कूल स्कूल में पढ़ाई करता हैं, जबकि पत्नी मानसिक रूप से बीमार है।

बच्चों की पढ़ाई और मानसिक रूप से बीमार पत्नी का इलाज, सब कुछ अकेले सच्चितानंद की कमाई पर ही निर्भर था। लॉकडाउन की वजह से कमाई पर ब्रेक लग गया, जिसकी वजह से उसे परिवार चलाने में दिक्कतें आने लगी और उसने आत्महत्या कर ली थी।

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