सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट लोगों को पड़ा महंगा, 363 के खिलाफ मामला दर्ज

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मुंबईः कोरोना संकट निपटने के लिए देश भर में जारी लॉकडाउन के बीच अफवाहों का बाज़ार भी खासा गर्म है। सरकार की चेतावनी के बावजूद भी लोग सोशल मीडिया (Social media) पर ऐसी-ऐसी अफवाहें फैला रहे हैं कि समाज भ्रमित हो जा रहा है। इसे लेकर पूरे देश में प्रशासन सोशल मीडिया की गतिविधियों पर नज़र रखी जा रही है। इसकी क्रम में महाराष्ट्र साइबर अपराध शाखा ने बड़ी कार्वाई करते हुए फर्जी खबरें फैलाने के आरोप में 363 मामले दर्ज किए हैं।

मिली जानकारी के मुताबिक सोशल मीडिया (Social media) पर आपत्तिजनक पोस्ट, वीडियो तथा तस्वीरें डालने या साझा करने के आरोप में 196 लोगों को गिरफ्तार किया गया। यह कार्रवाई सांगली जिले में की गई है। यहां महामारी के लिए एक खास समुदाय को जिम्मेदार ठहराने वाला एक टिकटॉक वीडियो डालने और प्रतिष्ठित समाज सुधारकों के खिलाफ अभद्र भाषा के इस्तेमाल के लिए कुछ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

अधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया गया कि लॉकडाउन लागू होने के बाद से जिले की साइबर शाखा ने कम से कम 14 मामले दर्ज किए हैं। इसी तरह बीड जिले के परली शहर में कोरोना के प्रसार को एक खास समुदाय से जोड़ने वाले पोस्ट सोशल मीडिया पर डालने के आरोप में कुछ लोगों पर मामला दर्ज किया गया। जिले में इस अवधि के दौरान साइबर अपराध के सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए हैं।

अधिकारिक सूत्र ने बताया कि अभी तक दर्ज हुए कुल 363 मामलों में से 155 मामले अकेले व्हाट्सएप के माध्यम से साझा किए गए हैं, जबकि 140 मामले फेसबुक पर। इसके अलावें लॉकडाउन के दौरान साइबर शाखा द्वारा सोशल मीडिया पोर्टलों से कम से कम 101 आपत्तिजनक पोस्ट हटवाए गए हैं।

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