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प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान में लाभान्वित हुईं प्रखंड की 85 गर्भवती महिलाएं

रोहतासः जिले के नोखा स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC Nokha) में आज का “प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान” (PMSMA) सफलता पूर्व संपन्न हुआ। डॉक्टर शशिकांत प्रभाकर (Dr. Shashikant Prabhakar) के देखरेख में आयोजित आज के इस अभियान में 85 गर्भवती महिलाओं का स्वास्थ्य परिक्षण किया गया और जरूरी दवाएं वितरीत की गईं। इसके अलावें अभियान में डॉक्टर और उनकी टिम द्वारा जच्चा को स्वयं की देखभाल के साथ ही गर्भ में पल रहे शिशु के समुचित और सुरक्षित देखभाल के लिए परामर्श भी दीए गए। इस दौरान जहां पुरे अस्पताल को दुल्हन की तरह सजाया गया था वहीं योजना के निर्देशों के पालन करते हुए सभी महिलाओं को नास्ते का भी भरपुर प्रबंध किया गया।

आज के इस अभियान का संचालन कर रहे डॉक्टर शशिकांत प्रभाकर (Dr. Shashikant Prabhakar) ने बताया कि इसके प्रति महिलाओं और उनके परिजनों में काफी रूझान देखने को मिल रहा है। इसे लेकर वे बेहद उत्साहित और आशांवित नज़र आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक डॉक्टर होने के नाते मैं जहां तक इस अभियान को समझ पाया हूं उसके मुताबिक ऐसी पहल से आने वाले वक्त में एक स्वस्थ देश का निर्माण संभव है। उन्होंने कहा कि इस अभियान से जच्चा-बच्चा मृत्युदर में कमी आने के साथ ही स्वास्थ संबंधी ऐसी बहुत सारी समस्यांओं पर हद तक विराम लगाया जा सकता है, जिससे महिलाएं और उनके शिशुओं को अक्सर जुझना पड़ता हैं।

बता दें प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (PMSMA) भारत सरकार की एक नई पहल है, जिसके तहत प्रत्येक माह की निश्चित नवीं तारीख को सभी गर्भवती महिलाओं को व्यापक और गुणवत्तायुक्त प्रसव पूर्व देखभाल प्रदान करना सुनिश्चित किया गया है।इस अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं को सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर उनकी गर्भावस्था के दूसरी और तीसरी तिमाही की अवधि (गर्भावस्था के 4 महीने के बाद) के दौरान प्रसव पूर्व देखभाल सेवाओं का न्यूनतम पैकेज प्रदान किया जाएगा।

इस कार्यक्रम की प्रमुख विशेषता यह हैं, कि प्रसव पूर्व जांच सेवाएं ओबीजीवाई विशेषज्ञों/चिकित्सा अधिकारियों द्वारा उपलब्ध करायी जाएगी। निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों / चिकित्सकों को हर महीने की नवीं तारीख को उनके जिलों में सरकारी चिकित्सकों के प्रयासों के साथ स्वैच्छिक सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने “मन की बात” में इस अभियान के लक्ष्य और शुरूआत के उद्देश्य पर प्रकाश डालाते हुए निजी क्षेत्र के स्त्री रोग विशेषज्ञों और चिकित्सकों से उनकी स्वैच्छिक सेवाएं देने की अपील की थी।

इस कार्यक्रम की शुरुआत इस आधार पर की गयी है, कि यदि भारत में हर एक गर्भवती महिला का चिकित्सा अधिकारी द्वारा परीक्षण एवं PMSMA के दौरान उचित तरीकें से कम से कम एक बार जांच की जाएँ तथा इस अभियान का उचित पालन किया जाएँ, तो यह अभियान हमारे देश में होने वाली मातृ मृत्यु की संख्या को कम करने में महत्वपूर्ण एवं निर्णायक भूमिका निभा सकता हैं।