नई दिल्ली: तय हो गया। कोरोना वैक्सीनेशन अब खरमास के बाद 16 जनवरी से होगा। वैक्सीन स्वदेशी होगी। 9 जनवरी को पीएम के साथ हुई बैठक में यह फैसला लिया गया।
सबसे पहले फ्रंटलाइनर को
तय कार्यक्रम के मुताबिक सबसे पहले स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना का टीका लगाया जाएगा। इसके बाद 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को वैक्सीन दी जाएगी। हेल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स की अनुमानित संख्या लगभग 3 करोड़ है। इसके बाद 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों और इससे कम उम्र के उन लोगों को टीके लगेंगे जो पहले से ही किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। ऐसे लोगों की संख्या करीब 27 करोड़ हैं
एप के सहारे अभियान
कैबिनेट सेक्रेटरी, पीएम के प्रिंसिपल सेक्रटरी, हेल्थ सेक्रटरी और दूसरे बड़े अधिकारियों की बैइक में Co-WIN वैक्सीन डिलिवरी मैनेजमेंट सिस्टम के बारे में भी जानकारी ली। इससे कोरोना टीकाकरण की रियल टाइम निगरानी, वैक्सीन के स्टॉक्स से जुड़ीं सूचनाएं, उन्हें स्टोर करने के तापमान और जिन लोगों को वैक्सीन लगनी है, उन्हें ट्रैक करने जैसे काम होंगे। अब तक 79 लाख से ज्यादा लाभार्थियों ने Co-WIN पर रजिस्ट्रेशन कराया है।
पीएम मोदी का संबोधन
टीकाकरण अभियान के ऐलान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत ने ऐतिहासिक कदम बढ़ाया है। 16 जनवरी से देश में टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। पीएम ने कहा कि प्राथमिकता हमारे डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी, फ्रंटलाइन वर्कर्स जिसमें सफाई कर्मचारी भी शामिल हैं, उन्हें दी जाएगी।
टीकाकरण की गाइडलाइंस
गाइडलाइन के मुताबिक एक बूथ पर हर सत्र में 100 से 200 लोगों को टीका लगाया जाएगा। उन पर 30 मिनट तक नजर रखी जाएगी जिससे रिएक्शन को देखा जा सके। केंद्र पर एक बार में एक ही व्यक्ति को टीका लगाया जाएगा। कोविन ऐप में पहले से रजिस्टर लोगों को ही टीका लगाया जाएगा। ऑन द स्पॉट रजिस्ट्रेशन नहीं होगा।