100 से अधिक पुलिसकर्मियों को जांच के लिए उत्कृष्टता पदक

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नई दिल्लीः इस वर्ष केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 100 से अधिक पुलिसकर्मियों को अन्वेषण (जांच) के लिए उत्कृष्टता पदक दिए गए हैं जिनमें नरेंद्र दाभोलकर और भाजपा नेता योगेश गौड़ा की हत्या की गुत्थी और मुजफ्फरपुर आश्रय गृह जैसे सनसनीखेज मामले सुलझाने वाले CBI के 15 अधिकारी भी शामिल हैं।

गृह मंत्रालय की ओर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया, “वर्ष 2020 के लिए 121 पुलिस अधिकारियों को ‘अन्वेषण में उत्कृष्टता के लिए केंद्रीय गृह मंत्री पदक’ प्रदान किया गया है।”

वक्तव्य के अनुसार केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के 15, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र पुलिस के दस-दस, उत्तर प्रदेश पुलिस के आठ, केरल और पश्चिम बंगाल पुलिस के सात-सात अधिकारियों को पदक दिए गए।

CBI प्रवक्ता आर के गौड़ ने कहा, “गृह मंत्रालय ने अन्वेषण में उत्कृष्टता के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों और राज्य / संघ शासित प्रदेशों की पुलिस जांच एजेंसियों के अधिकारियों के लिए यह पदक प्रदान करने की योजना शुरू की है।” पदक की स्थापना 2018 में की गई थी।

इसका उद्देश्य अपराध की जांच में उत्कृष्टता को प्रोत्साहन देना और जांच करने वाले अधिकारियों को मान्यता प्रदान करना है। इस प्रतिष्ठित पदक से सम्मानित मुंबई पुलिस की विशेष अपराध शाखा में सहायक पुलिस निरीक्षक सुभाष रामरूप सिंह ने विशेष उपकरणों की सहायता से ठाणे की एक खाड़ी की गहराइयों से वह हथियार ढूंढ निकाला था जिससे नरेंद्र दाभोलकर की 2013 में हत्या की गई थी।

सिंह द्वारा की गई जांच से एम एम कलबुर्गी, गौरी लंकेश और वामपंथी नेता गोविंद पानसारे की हत्याओं के  के संबंध में भी सुराग मिला था।

गृह मंत्री पदक से सम्मानित एक अन्य अधिकारी निरीक्षक राकेश रंजन ने कर्नाटक के धारवाड़ में भाजपा कार्यकर्ता योगेश गौड़ा की हत्या की गुत्थी सुलझाई थी। इस वक्त रंजन बेंगलुरु में तैनात हैं।

रांची में तैनात निरीक्षक परवेज आलम को भी पदक प्रदान किया गया जिन्होंने इंजीनियरिंग की छात्रा जया भारती की हत्या का मामला हल किया था। मुजफ्फरपुर आश्रय गृह मामले को सुलझाने वाली निरीक्षक विभा कुमारी को भी गृह मंत्री पदक दिया गया है।

हैदराबाद स्थित सीबीआई के भ्रष्टाचार निरोधी ब्यूरो में तैनात पुलिस अधीक्षक सेफस कल्याण पाकेरला को आई-मॉनेटरी घोटाले के मामले की जांच करने के लिए गृह मंत्री पदक से सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त कई राज्यों के पुलिस विभाग के अधिकारियों को भी इस पदक से नवाजा गया।

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