मुंबईः आज विश्व रक्तदान दिवस है। साल में दो बार क्रमशः 14 जून और 1 अक्टुबर को विश्व रक्तदान दिवस और 8 मई को रेड क्रॉस डे के रूप बड़े पैमाने पर में रक्तदान किया जाता है। ये तीनों दिन आम आदमी के लिए महज़ तारिख है, लेकिन कुछ लोगों के लिए यह एक अवसर है, एक त्योहार है। उन में से एक हैं महाराष्ट्र के जलगांव जिला अन्तर्गत चालीस गांव तहसील के रहने वाले दीपक शुक्ला। दीपक शुक्ला एक ऐसे रक्तदाता हैं, जो पिछले 39 वर्षों से लगातार रक्तदान करते आ रहे हैं और अब तक 132 बार रक्तदान कर चुके हैं।
दीपक शुक्ला की कहानी शुरू होती है साल 1980 से, तब दीपक महज 17 साल के थे और जलगांव जिला अन्तर्गत चालीस गांव के एक स्कूल में कौमर्स संकाय के विद्यार्थी थे। उन दिनों ब्लड डोनेशन के लिए स्कूल में बाहर की संस्थाओं की ओर से कैंप लगाए जाते थे। कैंप लगने की जानकारी पाकर दीपक मन ही मन ब्लड डोनेट करने को लेकर उत्साहित थे और उस दिन का इंतजार कर रहे थे जब वो रक्तदान जैसे महादान में भाग लेते।
17 साल की उम्र में रक्तदान करने से रोका
साल 1980 की तारिख स्कूल में रक्तदान शिविर का आयोजन हुआ। सभी रक्तदाताओं के साथ दीपक भी शिविर में रक्तदान करने पहुंचे, लेकिन उनका रक्त नहीं लिया जा सका क्योंकि तब उनकी उम्र महज़ 17 साल थी और रक्त देने की कैरेटेरिया को फूलफिल करने के लिए डोनर की उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए। दीपक उदास हो गए, लेकिन मन से ख़्याल नहीं गया और अपने 18 साल होने का इंतजार करने लगे।
18 साल की उम्र में माँ के साथ किया पहला रक्तदान
15 अगस्त 1981 को स्कूल में फिर से रक्तदान शिविर लगा। दव दीपक 18 साल के हो चुके थे। दीपक उस रक्तदान शिविर में अपनी माँ श्यामा देवी शुक्ला के साथ ब्लड डोनेट करने पहुंचे। माँ और दीपक ने एक साथ पहली बार ब्लड डोनेट किया। रक्तदान करने के बाद दीपक काफी खुश हुए और मन ही मन ये ठान लिया कि वे अब रक्तदान को अपनी जीवनशैली बना लेंगे…हो भी वैसा ही रहा है।
1981 से लेकर अब तक 132 बार कर चुके हैं रक्तदान
38 साल पहले 18 साल की उम्र से दीपक ने रक्तदान का जो शिलशिला शुरू किया वह आज भी अनवरत जारी है। आज उनके परिवार का हर एक बालिग सदस्य रक्तदाता है। अकेले दीपक जहां 132 बार रक्तदान कर चुके हैं वहीं उनका पूरा परिवार मिललाकर लगभग 300 बार से ज्यादा रक्तदान किया जा चुका है। दीपक आगे भी थकते नज़र नहीं आ रहे।
दीपक कहते हैं “ रक्तदान मेरे जीवन की सार्थकता है , यह तब तक जारी रहेगा जब तक मैडिकल साइंस इजाजत देती है।
रक्तदान को बढावा देने के लिए, रक्तदाताओं को प्रोत्साहित करे सरकार – दीपक
दीपक और उनका परिवार इस महादान को निःस्वार्थ भाव से करते हैं। उन्हें ना तो नाम कमाने की लालसा है और ना ही सरकार से पुरस्कार पाने की। हालांकि उनकी अपील है कि रक्तदाताओं के लिए सरकार को अपनी योजनाओं कुछ विशेष महत्व देना चाहिए, ऐसा करने से रक्तदान करने वालों का हौसला तो बढ़ेगा ही साथ ही दूसरे लोग भी रक्तदान के लिए आगे आएंगे। दीपक का कहना है कि सरकार को रक्तदाता युवाओं के लिए विशेष छुट का प्रावधान करना चाहिए ताकि उनका हौसला बढ़ सके और ज्यादा से ज्यादा लोग इसमें अपनी सहभागिता निभा सकें।