15 फरवरी की डेडलाइन से कांपी बिहार पुलिस! सम्राट चौधरी के आदेश से मचा हड़कंप

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पटना: बिहार सरकार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी (Samrat Chaudhary) ने जबसे गृह विभाग की जिम्मेदारी संभाली है, तब से लगातार उनकी कोशिश है कि प्रदेश की पुलिस व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त हो। इसी के साथ उनके एक सख्त प्रशासनिक निर्देश ने बिहार पुलिस (Bihar Police) महकमे में खलबली मचा दी है। सरकार के आदेश के अनुसार राज्य के सभी पुलिस अधिकारियों और कर्मियों को 15 फरवरी तक अपनी चल-अचल संपत्ति का पूरा विवरण अनिवार्य रूप से जमा करना होगा। तय समयसीमा का पालन नहीं करने वालों पर विभागीय कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।

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पुलिस मुख्यालय से जिलों तक अलर्ट

सूत्रों के मुताबिक, यह निर्देश पुलिस मुख्यालय से सभी जिलों को भेज दिया गया है। आदेश मिलते ही डीजीपी कार्यालय से लेकर एसपी और थानों तक अफरा-तफरी का माहौल बन गया है। कई जिलों में वरिष्ठ अधिकारियों ने अधीनस्थ पुलिसकर्मियों को तत्काल संपत्ति विवरण अपडेट करने का निर्देश जारी कर दिया है।

ऑनलाइन पोर्टल पर भरनी होगी पूरी जानकारी

आदेश में स्पष्ट किया गया है कि पुलिसकर्मी सरकार द्वारा निर्धारित ऑनलाइन पोर्टल पर अपनी संपत्ति की जानकारी दर्ज करेंगे। इसमें-

  • स्वयं की चल-अचल संपत्ति
  • जीवनसाथी के नाम दर्ज संपत्ति
  • आश्रित परिवार के सदस्यों की संपत्ति

उपरोक्त सभी बिन्दुओं का विस्तृत ब्योरा देना अनिवार्य होगा साथ ही यह भी कहा गया है कि जानकारी पूरी तरह अद्यतन और सत्य होनी चाहिए।

पारदर्शिता और जवाबदेही पर जोर

सरकार का कहना है कि यह कदम प्रशासनिक पारदर्शिता बढ़ाने और भ्रष्टाचार पर प्रभावी नियंत्रण के उद्देश्य से उठाया गया है। जानकारों का मानना है कि पुलिस जैसे संवेदनशील विभाग में इस तरह की सख्ती सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाती है।

समयसीमा चूकने पर सख्त कार्रवाई

आदेश में यह भी साफ किया गया है कि जो पुलिसकर्मी 15 फरवरी तक संपत्ति विवरण जमा नहीं करेंगे, उनके खिलाफ विभागीय अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसमें वेतन रोकने से लेकर पदोन्नति पर रोक जैसे कदम भी शामिल हो सकते हैं।

विपक्ष ने साधा निशाना

इस फैसले को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा है कि केवल आदेश जारी करना काफी नहीं, बल्कि निष्पक्ष और समान रूप से जांच भी होनी चाहिए। वहीं सरकार का दावा है कि नियम सभी अधिकारियों और कर्मचारियों पर एक समान लागू होंगे।

15 फरवरी पर टिकी निगाहें

अब पूरे महकमे की नजर 15 फरवरी की डेडलाइन पर है। यह देखना दिलचस्प होगा कि कितने पुलिसकर्मी समय पर निर्देश का पालन करते हैं और इसके बाद सरकार क्या अगला कदम उठाती है। फिलहाल सम्राट चौधरी के इस फैसले ने बिहार पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया है और प्रशासनिक गलियारों में चर्चाएं तेज हैं।

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