पटरी पर लौटी राजस्थान की राजनीति, सीएम गहलोत ने कहा- फॉरेगेट एंड फॉरगिव

जयपुरः राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लगभग एक महीने की राजनीतिक खींचतान व उठापटक को भूलकर आगे बढ़ने की नसीहत देते हुए बुधवार को कहा कि यह लड़ाई लोकतंत्र को बचाने की है जो आगे भी जारी रहेगी। इस बीच 14 अगस्त से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र के लिए कांग्रेस के विधायक जयपुर लौट आए हैं और अब भी एक होटल में ही रुकेंगे।

जैसलमेर में गहलोत से जब पूछा गया कि वे इस सारे प्रकरण को कैसे देखते हैं तो वह बोले,’फॉरेगेट एंड फॉरगिव, आपस में भूलो और माफ करो और आगे बढ़ो, देश के हित में, प्रदेश के हित में, प्रदेशवासियों के हित में और लोकतंत्र के हित में।’

उन्होंने कहा,’ लोकतंत्र खतरे में है। ये लड़ाई लोकतंत्र को बचाने की है, उसमें जो हमारे विधायकों ने इतना साथ दिया, 100 से अधिक विधायक एकसाथ रहना इतने लंबे समय तक, अपने आप में बहुत बड़ी बात है जो हिंदुस्तान के इतिहास में कभी नहीं हुआ होगा। तो ये लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है जो आगे भी जारी रहेगी।’

उन्होंने कहा,’बाकी जो प्रकरण एपिसोड हुआ है, एक प्रकार से भूलो और माफ करो की स्थिति में रहें, सब मिलकर चलें क्योंकि प्रदेशवासियों ने विश्वास करके सरकार बनाई थी हमारी। हमारी सबकी जिम्मेदारी बनती है कि उस विश्वास को बनाए रखें। हमलोग और प्रदेश की सेवा करें, सुशासन दें और कोरोना का मुकाबला करें सब मिलकर।’

उल्लेखनीय है कि सचिन पायलट व उनके खेमे के 18 विधायकों की वापसी से गहलोत खेमे के कई विधायक खुश नहीं हैं और उन्होंने अपनी नाराजगी मंगलवार रात जैसलमेर में विधायक दल की बैठक में भी जाहिर की थी।

इस प्रकरण में किसकी हार किसकी जीत हुई यह पूछे जाने पर गहलोत ने कहा,’ये जीत जो है, ये जीत असली प्रदेशवासियों की जीत है। मैं प्रदेशवासियों को और विश्वास दिलाता हूं कि जीत हमारी सुनिश्चित है आने वाले वक्त में और दोगुने जोश से सब काम करेंगे, आपकी सेवा करेंगे।’

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट व अन्य बागी विधायकों की वापसी को लेकर कांग्रेस के कुछ विधायकों में नाराजगी के बारे में गहलोत ने कहा,’ उनकी नाराजगी स्वाभाविक है। जिस रूप में यह प्रकरण हुआ, उनको इतने दिन होटलों में रहना पड़ा, उनका नाराज होना स्वाभाविक था।’

गहलोत ने कहा,’उनको मैंने समझाया है कि देश प्रदेश व प्रदेशवासियों के और लोकतंत्र को बचाने के लिए कई बार हमें सहन भी करना पड़ता है।’

इसके साथ ही गहलोत ने उम्मीद जताई कि अब सब मिलकर राज्य के विकास के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा,’हम सब आपस में मिलकर काम करेंगे। जो हमारे साथी चले गए थे वे भी वापस आ गए हैं मुझे उम्मीद है कि सब गिले शिकवे दूर करके सब मिलकर प्रदेश की सेवा करने का संकल्प पूरा करेंगे।’

इस बीच कांग्रेस व उसके समर्थक विधायक बुधवार दोपहर को जैसलमेर से जयपुर लौट आए। पार्टी ने अब भी इन्हें एक होटल में रुकवाया है जहां से वे 14 अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में भाग लेंगे।

कांग्रेस महासचिव अविनाश पांडे भी विधायकों के साथ जयपुर लौटे और कहा कि विधायक एकजुट हैं और कांग्रेस सरकार पांच साल पूरे करेगी।

कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि भाजपा उसके कुछ विधायकों को प्रलोभन देकर गहलोत सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है। गहलोत समर्थक विधायक 13 जुलाई से जयपुर के एक होटल में रुके थे जिन्हें 31 जुलाई को जैसलमेर के एक होटल स्थानांतरित कर दिया गया।

उल्लेखनीय है कि सचिन पायलट व कांग्रेस के 18 अन्य विधायक कथित तौर पर मुख्यमंत्री गहलोत के नेतृत्व से नाराज हैं। वे सोमवार को नयी दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी व प्रियंका गांधी से मुलाकात के बाद लौटे हैं। हालांकि पायलट व गहलोत की अभी मुलाकात नहीं हुई है। वहीं भाजपा विधायक दल की बैठक बृहस्पतिवार को यहां होनी प्रस्तावित है।

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