Peshawar blast: कहानी दो दोस्तों की, बचपन से साथ जिए फिर साथ ही दुनिया छोड़ गए

News Stump
Advertisements

पेशावरः आपने दोस्ती में साथ जिने और साथ मरने की एक से बढ़कर एक कहानियां सुनी होगी, ऐसी ही एक कहानी पाकिस्तान के पेशावर में हुए आत्मघाती हमले (Peshawar blast) के बाद सामने आई है। कहानी बचपन से साथ रहे दो कांस्टेबल दोस्त इफ्तिखार और इब्न-ए-अमीन की है, जो साथ जिए और अब साथ ही दुनिया से रुख़सत भी हो गए।

दरअसल, पाकिस्तान के पेशावर में सोमवार को एक मस्जिद में नमाज के दौरान बड़ा आत्मघाती हमला हुआ था। Peshawar blast में मरने वालों की संख्या 100 से ज्याद हो गई है, जिसमें में इफ्तिखार और उनका दोस्त इब्न-ए-अमीन भी शामिल हैं। दोनों बचपन से एक दूसरे के बेहद क़रीबी दोस्त थे। स्कूल के जमाने की दोस्ती तब तक निभाई जब तक कि वे इस को दुनिया को नहीं छोड़ गए।

जानने वाले बताते हैं, पेशावर के इफ्तिखार और इब्न-ए-अमीन पहली कक्षा में ही दोस्त बन गए थे। पढ़ाई पूरी करने के बाद इब्न-ए-अमीन पुलिस में शामिल हो गए और इफ्तिखार ने किसी दूसरी नौकरी को ज्वाईन कर लिया। इफ्तिखार अपनी नौकरी से खुश थे, लेकिन दोस्त की यादों से उबर नहीं पा रहे थे। बाद में इफ्तिखार भी पुलिस विभाग में शामिल हो गये। इसके बाद दोनों ने एक दूसरे का साथ तब तक नहीं छोड़ा जब तक उनकी शहादत नहीं हो गई।

उनके परिजनों ने कहा कि दोनों दोस्तों की शहादत वास्तव में दोनों परिवारों के लिए गर्व का क्षण है। इससे पहले इफ्तिखार के बड़े भाई ने भी देश के लिए अपनी जान दे दी थी। दोनों शहीदों के दोस्त भी अंतिम संस्कार समारोह में शामिल हुए और उन्होंने उन्हें याद किया।

Advertisements
Share This Article
Follow:
With the system... Against the system