पटनाः भाजपा के नव नियुक्त राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन के बिहार दौरे ने प्रदेश की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। खास तौर पर उनके पंचायत चुनाव को लेकर दिए गए बयान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी अब जमीनी स्तर पर संगठन को और मजबूत करने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रही है। उनके बयान को आगामी पंचायत चुनावों की तैयारी से जोड़कर देखा जा रहा है, जिससे यह संकेत मिलता है कि भाजपा स्थानीय निकाय चुनावों को इस बार बेहद गंभीरता से ले रही है।
‘पंचायत से पार्लियामेंट तक’ सक्रियता पर जोर
अपने दौरे के दौरान नितिन नबीन ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के विचारों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, “पंचायत से लेकर पार्लियामेंट तक हर कार्यकर्ता को सक्रिय रहना होगा। संगठन की असली ताकत बूथ और पंचायत स्तर से ही निकलती है।” इस संदेश को संगठन की रीढ़ को और मजबूत करने की स्पष्ट अपील के तौर पर देखा जा रहा है।
कार्यकर्ताओं को जनता से सीधा संवाद करने का निर्देश
राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि बिहार में बहुत जल्द पंचायत चुनाव होने वाले हैं, इसलिए सभी कार्यकर्ताओं को अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर जनता से सीधा संवाद स्थापित करना चाहिए। उन्होंने कार्यकर्ताओं को स्थानीय समस्याओं को समझने, लोगों की अपेक्षाओं को जानने और निरंतर जनसेवा में जुटे रहने का निर्देश दिया।
जनता से जुड़ाव को बताया भाजपा की सबसे बड़ी ताकत
नितिन नबीन ने यह भी स्पष्ट किया कि जनता से सीधा जुड़ाव ही भाजपा की सबसे बड़ी पूंजी है। पार्टी इसी जुड़ाव के बल पर आगे बढ़ी है और आगे भी बढ़ती रहेगी। संगठन की मजबूती का आधार केवल चुनाव नहीं, बल्कि निरंतर संपर्क और सेवा है।
पार्टी स्तर पर पंचायत चुनाव लड़ने के संकेत
राजनीतिक गलियारों में उनके बयान को इस संकेत के रूप में भी देखा जा रहा है कि भाजपा बिहार में पंचायत चुनावों को पार्टी स्तर पर लड़ने की संभावनाओं पर गंभीरता से विचार कर रही है। “पंचायत से पार्लियामेंट तक” का नारा यह दर्शाता है कि पार्टी स्थानीय निकाय चुनावों को संगठन विस्तार और राजनीतिक मजबूती का अहम मंच मान रही है।
बिहार दौरे से कार्यकर्ताओं में भरा नया जोश
कुल मिलाकर, भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष का यह बिहार दौरा पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए उत्साह और ऊर्जा का स्रोत बनकर उभरा है। इससे यह उम्मीद भी मजबूत हुई है कि आने वाले पंचायत चुनावों में भाजपा पहले से कहीं अधिक संगठित, सक्रिय और निर्णायक भूमिका में नजर आ सकती है।