लोजपा संस्थापक रामविलास पासवान के सपने को साकार करना हमारा लक्ष्य- चिराग

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पटना: लोक जनशक्ति पार्टी के 23वें स्थापना दिवस पर जनसंख्या नियंत्रण, लोकसभा चुनाव और बिहार विधानसभा के मध्यावधि चुनाव की संभावना के साथ बिहार की नीतीश सरकार की नीतियों को लेकर विजन की कमी का उल्लेख करते हुए लोजपा (रा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने सोमवार को कहा कि रामविलास पासवान ने हमेशा दलितों और वंचितों के उत्थान के लिए कार्य किया और इसके अनुरूप ही योजनाओं का निर्माण करने में अहम भूमिका निभायी। बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट के संकल्प के साथ पूर्व लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान के सपने को साकार करना हमारा लक्ष्य है।

“बिहार में बनेगी ‘बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट’ की सरकार”

कार्यक्रम के दौरान अपनी रणनीति पर पत्रकारों से बात करते हुए लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि पार्टी अपने मिशन ‘बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट’ के साथ अनवरत आगे बढ़ रही है। हमारे इस मिशन पर हर रोज जिस तरह से जनता का विश्वास और रुझान बढ़ता जा रहा है, निश्चित तौर पर आने वाले समय में प्रदेश में ‘बिहार फर्स्ट बिहार फर्स्ट’ की सरकार बनेगी।

पिता को याद कर भावुक हुए चिराग

अपने पिता और लोजपा संस्थापक पर अपनी बात को रखते हुए चिराग भावुक हो गए। चिराग ने कहा कि रामविलास पासवान की उपलब्धियों को गिनाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने 6-6 प्रधानमंत्रियों के साथ बतौर कैबिनेट मंत्री पूरी निष्ठापूर्वक काम किया। जब पहली बार वे भारत सरकार में श्रम एवं कल्याण मंत्री बने, तब से लेकर अपनी अंतिम सांस तक सरकार में मिले विभाग के माध्यम से यह कोशिश करते रहे कि समाज के गरीब, वंचित और शोषित लोगों को कैसे मुख्यधारा के साथ जोड़ा जाए, कैसे उनके हक व अधिकारों के लिए योजनाओं को मजबूत किया जाए।

पार्टी के नाम और सिंबल पर आयोग का फैसला सर्वोपरी

लोजपा के दोनों धड़ों की आपसी लड़ाई के बीच चुनाव चिन्ह और पार्टी के मूल नाम पर अधिकार को लेकर चिराग ने कहा कि यह एक टेक्निकल प्रोसेस है। जिस तरीके से पार्टी में टूट हुई और विषय चुनाव आयोग के पास पहुंचा, तो प्रक्रिया के तहत आयोग ने चुनाव चिन्ह और पार्टी के नाम को अस्थाई रूप से फ्रिज किया है। आने वाले दिनों में जैसे ही यह बात स्पष्ट होगी कि अधिकृत तौर पर पार्टी किसकी है या किस के साथ आगे बढ़ रही है तो आयोग खुद उस पर अपना फैसला सुनाएगा। फिलहाल चुनाव आयोग के द्वारा जो-जो जानकारी हमसे मांगी जा रही है उसे आयोग के समक्ष दी जा रही है।

‘बिहार में नहीं दीखता नीतीश कुमार काम’

बिहार की नीतीश सरकार पर निशाना साधते हुए चिराग ने कहा कि नीतीश ने अगर बिहार में काम किया होता तो आज JDU प्रदेश में तीसरे नंबर की पार्टी नहीं होती। नीतीश कुमार का काम दिखता नहीं है। बिहारियों को शिक्षा और रोजगार और बेहतर इलाज के लिए दूसरे प्रदेश में जाना पड़ता है। इतना ही नहीं खुद मुख्यमंत्री को अपनी आँखों का इलाज करवाने के लिए भी दूसरे प्रदेश जाना पड़ता है।

बिहार में इंडस्ट्रीनाइजेशन, रोजगार और आईटी सेक्टर पर नीतीश को घेरते हुए चिराग उन्हें नीति स्पष्ट करने को कहा। उन्होंने कहा कि बिहार में इंवेस्टों के लिए ईज-ऑफ-बिजनेस औ सिंगल विंडोज क्लीयरैंस पर सराकार की क्या रणनीति है नीतीशजी को बताना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोटा की तरह बिहार एजुकेशनल हब क्यों नहीं बन सकता। उन्होंने नीति आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि बिहार का जिक्र सबसे फिसड्डी राज्यों में होता है।

जनसंख्या का बढ़ना चिंता का विषय

जनसंख्या नियंत्रण पर अपनी बात रखते हुए चिराग ने कहा कि जब यह बिल आएगा तो उसकी मंशा और सोच को देखकर उनकी पार्टी भी अपना पक्ष मजबूती से रखेगी। चिराग ने कहा कि साधन-संधान सीमित हैं, ऐसे में जनसंख्या जिस तरीके से बढ़ते जा रही है, यह आने वाले समय में यकीनन एक विस्फोटक स्थिति को उत्पन्न कर सकती है। हमारे आने वाली पीढ़ी के हाथों में संसाधनों की कमी ना हो इसके लिए आज से ही रणनीति बनाने की जरूरत है, जिसके हम पक्षधर हैं।

भाजपा के साथ पार्टी के विलय के सवाल पर चिराग ने कहा कि इतनी विपरीत परिस्थितियों में भी लोजपा (रा) के अस्तीत्व को बड़ी-बड़ी शक्तियां नहीं हिला सकीं,तो किसी पार्टी के साथ विलय की सोच भी असंभव है।

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