पटनाः जम्मू-कश्मीर में आतंकियों द्वारा बिहारी कामगारों की हत्या के बाद बिहार की राजनीति गरमा गई है। पहले तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर केंद्र और बिहार की NDA सरकार को जमकर कोसा और अब भाजपा के सिपहसलार उनके ट्वीट पर शब्दवाणों से जवाबी हमले कर रहे हैं। भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री सह प्रदेश प्रवक्ता डॉ० निखिल आनंद ने तेजस्वी यादव के बयान की निंदा की है और हिदायत दी है कि तेजस्वी राजनीतिक पत्थरबाज़ की भूमिका न निभायें।
निखिल आनंद ने तल्ख लहजे में बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से पूछा है,” तेजस्वी धारा 370 और 35ए को खत्म करने के खिलाफ बयान देकर किसको खुश करना चाहते हैं? क्या पाकिस्तान, तालिबान और आतंकवादियों को खुश करना चाहते है? आनंद का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार और सुरक्षा बलों द्वारा आतंकवादियों के खात्मे और कश्मीर में शांति बहाली के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, उसके खिलाफ तेजस्वी यादव बोल रहे हैं। ऐसे में जाहिर तौर पर राजद की घटिया मानसिकता और राष्ट्रविरोधी भावना झलक रही है। ऐसा बयान देकर तेजस्वी जो धार्मिक तुष्टीकरण की राजनीति का संदेश देना चाहते हैं वह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है।
निखिल आनंद ने सलाह देते हुए कहा कि तेजस्वी कश्मीर में बिहार व पूर्वांचल के भाइयों की आतंकवादियों द्वारा नृशंस हत्या की घटना पर संवेदनशील प्रतिक्रिया व्यक्त करें। तेजस्वी से अपील है कि कश्मीर की घटनाओं पर पाकिस्तान को खुश करने वाले अनर्गल बयानबाजी न करें।
निखिल आनंद ने कहा कि जम्मू और कश्मीर में बिहार के जो मेहनतकश बेटे हैं उनकी लगातार आतंकवादियों द्वारा हत्या की जा रही है इससे स्पष्ट है कि जो बिहार का मेहनती कौम है वह कहीं भी जाकर अपने वजूद के लिए उद्योग धंधे कर न सिर्फ जीवन यापन कर सकता है, बल्कि वहां की अर्थव्यवस्था में भी अपना बखूबी सहयोग कर सकता है। पूर्वांचल के लोगों की कश्मीर के आर्थिक विकास में भागीदारी से आतंकवादी घबराए हुए हैं। देश के बहादुर सुरक्षाबल बिहारी भाइयों के एक- एक खून का बदला लेंगे।
निखिल आनंद का यह बयान तेजस्वी यादव के उस ट्वीट के जबवाब में आया है, जिसमें तेजस्वी ने कहा था,’बिहारवासियों की नृशंस हत्या के दोषी नीतीश कुमार और उनकी निकम्मी सरकार भी है। अगर एनडीए सरकार ने विगत 16 साल से किए जा रहे ‘सुशासन’ के दावे के अनुरूप सचमुच रोजगार सृजन पर गम्भीरता से कुछ भी किया होता तो करोड़ों बिहारवासियों को हर वर्ष पलायन और मरने के लिए विवश नहीं होना पड़ता।’
कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा आज फिर बिहार के दो श्रमवीरों को मौत के घाट उतारने की दुखद खबर सुन मर्माहत हूँ।
यह डबल इंजन सरकार की इंटेलिजेंस व सिक्योरिटी फ़ेल्योर है। नीतीश जी की गलत नीतियों की वजह से रोज़ी-रोटी के लिए पलायन करने वाले श्रमिकों को अब जान से हाथ धोना पड़ रहा है।
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) October 17, 2021