बेनीपट्टीः भारतीय जनता पार्टी (BJP) प्रदेश कार्यसमिति सदस्य वेंकटेश चौधरी (Venkatesh Chaudhary) ने बिहार सरकार पर बड़ा हमला बोला है। चौधरी ने कहा कि जब प्रशासनिक अराजकता फैलती है, तब भष्टाचार बढ जाता है और यही स्थिति बिहार में बन गई है। उन्होंने कहा कि सरकार ने शराब से मरने वाले लोगों के परिजनों के लिए मुआवजे की घोषणा तो कर दी, लेकिन उसमें भी पेंच लगा दिया है।
उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का जनता दरबार सलेक्ट और क्लेक्ट पर आधारित है, जिसमें अधिकारी चुनिंदा लोगों का चयन करते हैं और वही सेलेक्टीव लोग मुख्यमंत्री के सामने अपनी शिकlयतों को रखते है। जबकि भाजपा का सहयोग कार्यकम खुला है, जिसमें सभी लोग आ सकते है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष के दबाव में शराब से मरने वाले लोगों के परिजनों को मुआवजा की घोषणा तो कर दी लेकिन उसमें भी पेंच लगाया है। उन्होंने कहा कि जहरीली शराब से आंख की रोशनी खेा चुके और विकलांग हुए लोगों और पीडित लोगों को मुआवजा क्यों नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य के लोग शराब और बालू माफिया से परेशान हैं।
भाजपा नेता ने कहा कि सरकार में भ्रष्टचारियों और अपराधियों के सम्मिलित होने के बाद बिहार में दर्जनभर से ज्यादा हत्याएं हो रही है, उनको भी सरकार मुआवजा क्यों नहीं दे रही है। आखिर हत्या के लिए दोषी तो सरकार ही है।
वेंकटेश चौधरी ने पिछले दिनों कोइलवर में हुई गोलीबारी पर भी सरकार को घेरा है। चौधरी ने कहा कि हजारों राउंड गोली चलने के बाद आरोपियों पर कार्रवाई न होने के कारण माफियाओं का मनोबल बढ गया है। अब तो माफिया अधिकारियों को भी नहीं बख्श रहे है।
उन्होंने कहा कि एक सप्ताह पूर्व ही शराब के धंधे में लिप्त जदयू के बड़े नेता के भतीजा नजर आए। गोपालगंज चुनाव में शराब फैक्ट्री का मालिक राजद का उम्मीदवार बना। कुढ़नी में शराब पीने वाला जदयू का उम्मीदवार बना। क्या इसका जवाब मुख्यमंत्री नहीं देंगे?
उन्होंने कहा कि शराबबंदी में पकडे जाने वाले अधिकांश लोग एससी, एसटी और पिछडे वर्ग के गरीब हैं, जो आज जेल में बंद हैं। आखिर इसके लिए दोषी कौन है?
चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शराबबंदी ही नही पूर्व नशाबंदी की बात कही थी, लेकिन आज बिहार को ‘उड़ता पंजाब’ बनाने का खेल हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष ढंग से इसका लाभ जदयू के बडे नेता के जेब में पहुंच रहा है। उन्होंने इसकी जांच सीबीआई से या सिटिंग जज से कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि भाजपा जहरीली शराब से मरने वाले लोगों, पीड़ित लोगों की सूची तैयार कर सरकार को सौंपेगी।
बालू माफिया द्वारा खनन विभाग के अधिकारियों को पीटे जाने के संदर्भ में पूछे जाने पर कहा कि ‘जब सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का’। जब सत्ता में ही माफिया बैठ गए हैं, तो ऐसे लोगों की हिम्मत तो बढेगी ही। उन्होंने कहा कि भाजपा आतंकवादी, उग्रवादी, अपराध और भ्रष्टाचारियो का मनाबेल तोडने का काम करती है। बिहार में जब भाजपा की सरकार बनेगी तो यहां भी सरकार वहीं काम करेगी।