पटनाः बिहार भाजपा की प्रदेश प्रवक्ता और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की संयोजक नेहा झा ने दावा किया है कि बिहार की 105 विकास योजनाएं केंद्र सरकार की मदद से चल रही हैं। झा ने कहा कि बिहार में आज सिर्फ विकास की सभी योजनाओं को लटकाने, भटकाने और अटकाने का काम चल रहा है।
उन्होंने बिहार सरकार द्वारा जारी एक आंकड़े का हवाला देते हुए कहा कि 41,687 करोड़ रुपए बिहार सरकार स्वयं कलेक्शन करती है और 6 करोड़ रुपए का प्रबंध करती है। केंद्र से राजस्व में जीएसटी के कारण 91,181 करोड़ मिलता है।
इसके अलावा 41 हजार करोड़ रुपए कलेक्शन करने वाले राज्यों को केंद्र जो मदद करती है, उसके तहत बिहार को 58 हजार करोड़ दे रही है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि राज्य सरकार की हिस्सेदारी मात्र 26 प्रतिशत है जबकि केंद्र से 76 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र को केंद्र द्वारा मात्र 28 प्रतिशत राशि ही मिलती है। बिहार में 105 ऐसी योजनाएं चल रही हैं, जिसमें केंद्र सहायता दे रही है।
नेहा झा का कहना है कि बिहार में वित्तीय संचालन सही ढंग से नहीं हो रहा, जिस कारण ऐसी स्थिति हो रही है। पिछले 17 वर्षों से भाजपा का वित्त मंत्री रहा, लेकिन कभी भी राज्य में वित्तीय स्थिति नहीं गड़बड़ाई, लेकिन आज मुख्यमंत्री कह रहे केंद्र से सहायता नहीं मिल रही इस कारण ऋण नहीं मिल रहा।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी को यह देखना चाहिए कि उनके वित्त मंत्री इतने अक्षम तो नहीं है। मुख्यमंत्री जी को कोई सक्षम व्यक्ति को वित्तमंत्री बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बिहार में सभी विकास केंद्र की राशि से हो रहा है। मुख्यमंत्री जी को बिहार के लोगों को गुमराह नहीं करना चाहिए।
आगे उन्होंने कहा कि बिहार के वैशाली की धरती ने देश ही नहीं पूरे विश्व को लोकतंत्र का पाठ पढ़ाया, लेकिन दुर्भाग्य है कि आज इसी धरती पर क्षेत्रीय दलों में लोकतंत्र नहीं दिखता। यहां के दो बड़े क्षेत्रीय दलों में एक में एक परिवार से आने वाली पीढ़ी ही अध्यक्ष बनेगी जबकि दूसरे में एक व्यक्ति की तानाशाही हावी है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति लोकतंत्र के लिए अच्छी नहीं।