पटनाः रामचरित मानस पर बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की टिप्पणी से प्रदेश की सियासत गर्मा गई है। तमाम वार-पलटवार के बीच भारतीय जनता पार्टी की महिला विंग ने भी चंद्रशेखर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। भाजपा महिला विंग ने मंगलवार को पटना के शिव-पार्वती-हनुमान मंदिर के बाहर पवित्र ग्रंथ का पाठ किया।
इस बाबत बीजेपी महिला विंग की लाजवंती झा ने कहा, “हमारी पार्टी रामचरित्रमानस पर चंद्रशेखर की टिप्पणी की आलोचना करती है और प्रार्थना करती है कि भगवान उन्हें कुछ समझ दें ताकि वह रामायण का अपमान न करें। वह निश्चित रूप से मुस्लिम मतदाताओं और पिछड़े वर्गों को लुभाने के लिए वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं।” उन्होंने कहा, “राजद नेता धार्मिक नफरत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं इसलिए वह इस तरह के बयान दे रहे हैं।”
जदयू एमएलसी नीरज कुमार ने किया चंद्रशेखर की टिप्पणी का समर्थन
इस बीच, जदयू एमएलसी नीरज कुमार ने चंद्रशेखर की टिप्पणी का समर्थन किया और कहा कि महागठबंधन में कोई मतभेद या मनभेद नहीं है। लोकतंत्र में प्रत्येक व्यक्ति को अपनी राय व्यक्त करने का अधिकार है। उन्होंने यह भी कहा कि ‘बड़ता बिहार, नीतीश कुमार’ लोगों की भाषा है और यही कारण है कि नीतीश कुमार जी 17 साल तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे।
क्या है पूरा विवाद?
बता दें बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि रामायण समाज में भेदभाव और नफरत फैलाती है। “मनुस्मृति को क्यों जलाया गया, क्योंकि उसमें एक बड़े तबके के खिलाफ कई अपशब्द लिखे गए थे। रामचरितमानस का विरोध क्यों किया गया था और किस हिस्से का विरोध किया गया था? निचली जाति के लोगों को शिक्षा प्राप्त करने की अनुमति नहीं थी और रामचरितमानस में कहा गया है कि निचली जाति के लोग जहरीले हो जाते हैं।” शिक्षा पाकर दूध पीकर सर्प जैसा हो जाता है।”
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