पटना: दरभंगा में अलंकार ज्वेलर्स में करोड़ों का सोना एवं कैश लूट कांड में स्थानीय पुलिस ने 7 लाइनर को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि मुख्य सरगना सहित अन्य लुटेरे और लूटे गए सोना एवं नगद की बरामदगी अब तक नहीं हो पाई है।
सभी लाइनर स्थानीय
दरभंगा के वरीय पुलिस कप्तान बाबूराम ने प्रेस सम्मेलन में बताया कि अपराधियों के पास से हथियार, वाहन और मोबाइल बरामद हुआ है। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर ने लहेरियासराय थाना क्षेत्र के मदारपुर मुहल्ला निवासी भूषण सहनी, कन्हैया कुमार, केशव कुमार, राज कुमार, पवन कुमार, मुगलपुरा निवासी गणेश कुमार, मौलागंज निवासी राजू उर्फ साका उर्फ कोठिया को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में सबने बताया कि इस कांड में सोनार का काम करने वाले कन्हैया साह ने लाइनर के रूप में काम किया जो एक साल पहले तक अन्नपूर्णा ज्वेलर्स, बाकरगंज के यहां कारीगर का काम करता था। उसी क्रम में अलंकार ज्वेलर्स के यहाँ भी आना जाना था।
सब कुछ बताया अपराधियों ने
पिछले 9 दिसंबर को अलंकार ज्वेलर्स में लूट की घटना हुई थी। लाइनर ने अपनी दुकान खोलने के बाद भी वहाँ आना-जाना जारी रखा था और लालच आ गई। इसी बीच 4 माह पहले इसका संपर्क जयनगर मधुबनी के एक शातिर अपराधी दिनेश यादव से हुआ जिसे इन्होंने अपने मुहल्ले में कमरा किराया पर दिला दिया और उसकी मदद से इसकी योजना बनाने लगा। इसी दुकान का कारीगर केशव कुमार साह को भी अपने प्लान में शामिल कर लिया गया। परंतु धीरे-धीरे इनको लगा कि यह काम अकेले दिनेश यादव के बस का नहीं है सो इन्होंने अपने मित्र भूषण सहनी को भी शामिल कर लिया।
हाजीपुर में भी हुई थी लूट
वरीय पुलिस कप्तान ने बताया कि भूषण सहनी का रिश्तेदार मनीष सहनी, जो हाजीपुर जिले के नरवाज चौक सोना लूट के बड़े कांड को अंजाम दे चुका था, के पास हथियार, आदमी तथा अनुभव सभी कुछ था। भूषण सहनी ने मनीष सहनी तथा उसके सभी साथियों को मदारपुर बुलाया तथा कन्हैया साह एवं अन्य साथियों के साथ योजना बनाई, रेकी की। इस कांड में हाजीपुर के 6, दरभंगा के 7, मधुबनी—जयनगर के 3 अपराधियों की संलिप्तता सामने आईं हैं। उनके अनुसार बचे हुए सभी अपराधियों को शीघ्र ही गिरफ्तारी कर लिया जायेगी।
कई सवाल अनुत्तरित
लेकिन सवाल यह है कि मुख्य अपराधाी कहां है और कैश या सोना कब बरामद होगा? बता दें कि पिछले साल 21 जून को पटना के पंचवटी रत्नालय में दिनदहाड़े अपराधियोंने 4-5 करोड़ के जेवर और 13 लाख नगद लूटे थे। मास्टरमाइंड रवि गुप्ता के साथ उसके दो साथियों को भी गिरफ्तार किया गया। सवा तीन किलो सोना व सवा किलो चांदी के आभूषण और तीन सौ ग्राम कीमती रत्न भी मिले। लेकिन वाहवाही लूटनेवाली पुलिस को पांच करोड़ के जेवर में से सिर्फ 1.25 करोड़ के गहने मिले यानी 20 फीसदी गहना बरामद हुआ। डेढ़ साल में भी एक छटांक सोने की बरामदगी नहीं हो सकी और केस को डंप कर दिया गया। क्या इसका भी यही हश्र होगा?