इस नाग ‘ध्रुवस्त्र’ से नहीं बचेगा दुश्मन

न्यूज़ डेस्क
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बालासोर: हेलीकॉप्टर से लॉन्च की जाने वाली एंटी टैंक गाइडेड नाग मिसाइल का ओडिशा के बालासोर में सफल परीक्षण किया गया। पहले इस मिसाइल का नाम नाग हेलिना था, मगर अब इसे बदलकर ‘ध्रुवस्त्र’ कर दिया गया है।

यह परीक्षण 15 जुलाई और 16 जुलाई को बालासोर के इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज (ITR) में आयोजित किया गया था। मिसाइल का परीक्षण बिना हेलिकाॅप्टर के प्रत्यक्ष और शीर्ष हमले मोड में किया गया था।

सेना की बढ़ी ताकत

ऐसे समय जब पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच तनाव बना हुआ है। ऐसे में इस मिसाइल की टेस्टिंग भारतीय सेना को और मजबूत बना देती है।

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने जुलाई 2019 में पोखरण फायरिंग रेंज में नाग मिसाइलों के तीन सफल परीक्षण किए थे। नाग पहले पाँच रणनीतिक मिसाइलों में से एक था जिसे 1980 के दशक में शुरू किए गए एकीकृत मिसाइल विकास कार्यक्रम के तहत विकसित करने की योजना थी।

परियोजना के तहत विकसित अन्य मिसाइलों में अग्नि, पृथ्वी और आकाश शामिल हैं और इन तीनों को सफलतापूर्वक विकसित किया गया है और सशस्त्र बलों में शामिल किया जा चुका है।

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