भुवनेश्वरः ओडिशा भाजपा के वरिष्ठ नेता विष्णु चरण सेठी का सोमवार 19 सितंबर को 61 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे गुर्दे की बिमारी से ग्रसित थे और 16 अगस्त से ही एम्स भुवनेश्वर में गुर्दे से संबंधित बीमारियों के लिए इलाजरत थे। सूत्रों के मुताबिक उन्हें फेफड़े में संक्रमण हो गया था और उन्हें ब्रेन हैमरेज हुआ था। हालांकि, तीव्र हृदय गति रुकने के कारण उनका अंत हो गया।
सेठी के निधन से भाजपा सहित संपूर्ण राजनीतिक गलियारे में शोक का माहौल है। उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राज्यपाल गणेशी लाल, आंध्र प्रदेश के राज्यपाल बीबी हरिचंदन, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सहित कई अन्य राजनेताओं ने श्रद्धांजलि दी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सेठी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा, “श्री बिष्णु चरण सेठी जी ने ओडिशा की प्रगति में उत्कृष्ट योगदान दिया। उन्होंने एक मेहनती विधायक के रूप में अपनी पहचान बनाई और सामाजिक सशक्तिकरण में बहुत योगदान दिया। उनके निधन से दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और समर्थकों के साथ हैं। ओम शांति।”
Shri Bishnu Charan Sethi Ji made an outstanding contribution to Odisha’s progress. He distinguished himself as a hardworking legislator and contributed greatly to social empowerment. Saddened by his demise. Condolences to his family and supporters. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 19, 2022
विष्णु चरण सेठी भद्रक जिले से दो बार विधायक रहे, वह धामनगर विधानसभा क्षेत्र से मौजूदा विधायक थे। सेठी, राज्य भाजपा के उपाध्यक्ष भी थे और COVID-19 बीमारियों के कारण असमर्थ रहे पीके नायक की जगह विपक्ष के नेता के रूप में कार्य कर रहे थे।
JNU के एक पूर्व छात्र, सेठी ने दो बार ओडिशा लोक सेवा आयोग (OPSC) के लिए अर्हता प्राप्त की थी, लेकिन राजनैतिक प्रतिनिधि के रूप में अपने लोगों की सेवा करना पसंद किया। उन्होंने एक आरएसएस कार्यकर्ता के रूप में अपना सार्वजनिक जीवन शुरू किया और बाद में एबीवीपी में शामिल हो गए।
सेठी के पार्थिव शरीर को ओडिशा विधानसभा परिसर ले जाया गया, जहां पार्टी लाइन से हटकर विधायकों ने दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि दी। वहां से, पार्थिव शरीर को राज्य भाजपा मुख्यालय और अंत में भद्रक जिले में उनके पैतृक गांव ले जाया गया, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया।