पुणेः राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर अपने क्षेत्रीय सहयोगियों को धीरे-धीरे खत्म करने का आरोप लगाया और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भाजपा से नाता तोड़ने के फैसले का समर्थन किया। महाराष्ट्र के पुणे जिले के बारामती शहर में पत्रकारों से बात करते हुए पवार ने दावा किया कि भाजपा शिवसेना को कमजोर करने और पार्टी में विभाजन पैदा करने की योजना बना रही है।
पवार की पार्टी पिछली शिवसेना के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार की घटक थी, जो इस साल जून में शिवसेना विधायक एकनाथ शिंदे और 39 अन्य विधायकों के विद्रोह के बाद गिर गई थी।
नीतीश कुमार ने मंगलवार को अपनी पार्टी जद (यू) के भाजपा के साथ गठबंधन तोड़ते हुए सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तिफा देने के बाद नीतीश ने विपक्षी महागठबंधन के समर्थन से बिहार में नई सरकार बनाने का दावा किया और बुधवार को 8वीं बार सीएम पद की शपथ ली।
बता दें, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी. नड्डा ने हाल ही में कहा था कि आने वाले समय में भाजपा जैसी विचारधारा से प्रेरित पार्टी ही बचेगी, जबकि अन्य पार्टी विशेष रुप से परिवारों द्वारा शासित दल नष्ट हो जाएंगे।
उनके इस बयान पर पवार ने दावा किया कि ‘भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अपने संबोधन में कहा कि क्षेत्रीय दलों का कोई भविष्य नहीं है और उनका अस्तित्व नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि यह केवल उनकी पार्टी है जो देश में मौजूद रहेगी।’ एनसीपी अध्यक्ष ने कहा, ‘इस बयान से एक बात साफ है, जो नीतीश कुमार की भी शिकायत थी कि बीजेपी अपने सहयोगियों को धीरे-धीरे खत्म कर रही है।
एक उदाहरण देते हुए पवार ने कहा कि अकाली दल जैसी पार्टी उनके (भाजपा) साथ थी। उन्होंने कहा, ‘उसके नेता प्रकाश सिंह बादल उनके साथ थे, लेकिन आज पंजाब में पार्टी लगभग खत्म हो चुकी है।’ उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा कई सालों तक साथ रहे। उन्होंने कहा, “आज, भाजपा योजना बना रही है कि पार्टी में विभाजन करके शिवसेना को कैसे कमजोर किया जा सकता है, और (वर्तमान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री) एकनाथ शिंदे और अन्य ने मदद की,” उन्होंने कहा।
उन्होंने कहा कि ऐसा करते हुए शिवसेना पर उस पार्टी ने हमला किया जो कभी उसकी सहयोगी थी। ‘कुछ ऐसी ही तस्वीर बिहार में देखने को मिल रही थी. जद (यू) के नीतीश कुमार और भाजपा ने पिछला विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ा था।
पवार ने दावा किया,’भाजपा की एक और विशेषता यह है कि वह चुनाव के समय एक क्षेत्रीय दल के साथ हाथ मिलाती है, लेकिन यह सुनिश्चित करती है कि सहयोगी कम सीटें जीतें। यह महाराष्ट्र में भी हुआ।’
उन्होंने कहा, “जब ऐसी ही तस्वीर बिहार में देखी जा रही थी, तो राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश पहले ही सतर्क हो गए और सुझबूझ का परिचय देते हुए भाजपा से नाता तोड़ने का फैसला कर लिया।”
पवार ने कहा,’भाजपा नेता, नीतीश कुमार की कितनी भी आलोचना करें, लेकिन उन्होंने समझदारी भरा कदम उठाया है। उन्होंने यह निर्णय उस संकट को देखते हुए लिया, जिसे भाजपा लाने की योजना बना रही थी। मुझे लगता है कि उन्होंने अपने राज्य और पार्टी के लिए समझदारी भरा फैसला लिया।’