नई दिल्लीः बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और हाल ही में सिंगापुर से किडनी ट्रांसप्लांट कराकर स्वदेश लौटे राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने तलब किया है। दोनो के खिलाफ केर्ट का यह सम्मन इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन घोटाला (IRCTC Scam) मामले में भेजा गया है। इस घोटाले में भारतीय रेलवे में भर्ती में धांधली और जमीन के बदले नौकरी देने का आरोप लगाया गया था। दिल्ली की अदालत ने उनकी बेटी मीसा भारती समेत 14 आरोपियों को 15 मार्च को तलब किया था।
भारतीय रेलवे में नौकरी के बदले जमीन लेने के आरोपों की जांच कर रही सीबीआई ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर दी है। चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने कुल 14 लोगों को समन भेजा था। सभी आरोपियों से पूछताछ के बाद 15 मार्च को आरोप निर्धारण किया जाएगा।
रेलवे भर्ती घोटाला मामले में लालू यादव के करीबी और पूर्व विधायक भोला यादव और हृदयानंद चौधरी भी आरोपी हैं। राजद नेता भोला यादव को सीबीआई ने 27 जुलाई को गिरफ्तार किया था। भोला वर्ष 2004 और 2009 के बीच तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के विशेष कार्य अधिकारी (OSD) थे।
क्या है मामला?
CBI के आरोपों के अनुसार, भर्ती प्रक्रिया न केवल अनुचित थी, बल्कि अयोग्य उम्मीदवारों को नियुक्त करके आरोपियों ने औने-पौने दामों पर जमीन भी हासिल की।
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि 2004-2009 की अवधि के दौरान रेल मंत्री के रूप में लालू प्रसाद यादव ने रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में “डी” पद स्थानापन्न की नियुक्ति के बदले में अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन-जायदाद के हस्तांतरण के रूप में आर्थिक लाभ प्राप्त किया था। ।
प्राथमिकी में, सीबीआई ने यह भी आरोप लगाया है कि “इसके एवज में, विकल्प, जो स्वयं पटना के निवासी थे या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से, लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों और एक निजी कंपनी के पक्ष में पटना स्थित अपनी जमीन बेच दी और उपहार में दे दी। परिवार के सदस्यों द्वारा नियंत्रित, जो परिवार के सदस्यों के नाम पर ऐसी अचल संपत्तियों के हस्तांतरण में भी शामिल था।”