वाराणसीः काशी के डोम राजा जगदीश चौधरी का पार्थिव शरीर मंगलवार की शाम वराणसी के मणिकर्णिका घाट पर पंचतत्व में विलीन हो गया। डोम राजा का अंतिम संस्कार सैंकड़ों मन लकड़ी से बनी करीब दस फीट ऊंची विशाल चिता पर किया गया। इससे पहले त्रिभुरा भैरवी स्थित घर से उनकी शवयात्रा मणिकर्णिका घाट पहुंची। शव यात्रा शुरू होने से पहले शहर के गणमान्य लोगों और अधिकारियों ने घर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
डोम राजा जगदीश चौधरी का मंगलवार की सुबह वाराणसी के एक निजी अस्पाताल निधन हो गया था। जांघ में घाव के कारण कई महीनों से उनका इलाज चल रहा था। निधन की खबर मिलते ही उनके त्रिपुरा भैरवी घाट स्थित निवास पर जहां लोगों की भीड़ जुट गई, वहीं उन्हे जानने वालों के बीच शोक की लहर दौड़ गई।
इधर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने काशी के डोम राजा जगदीश चौधरी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। एक ट्वीट में अमित शाह ने कहा कि “काशी के डोम राजा का पद भारतीय संस्कृति में व्याप्त विविधता, व्यापकता और सामाजिक समरसता का प्रतीक है। बाबा विश्वनाथ के ऐसे सच्चे उपासक डोम राजा श्री जगदीश चौधरी जी का स्वर्गवास अत्यंत दुःखद है। उनका निधन सनातन परंपरा और भारतीय समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है”।
काशी के डोम राजा का पद भारतीय संस्कृति में व्याप्त विविधता, व्यापकता और सामाजिक समरसता का प्रतीक है। बाबा विश्वनाथ के ऐसे सच्चे उपासक डोम राजा श्री जगदीश चौधरी जी का स्वर्गवास अत्यंत दुःखद है। उनका निधन सनातन परंपरा और भारतीय समाज के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
— Amit Shah (@AmitShah) August 25, 2020
अमित शाह ने कहा कि “डोम राजा सनातन संस्कृति की सबसे अभिन्न कड़ी हैं जो अपनी अग्नि से लोगों को मोक्ष का द्वार दिखाते हैं। बाबा विश्वनाथ से प्रार्थना है कि डोम राजा श्री जगदीश चौधरी जी को अपने श्री चरणों में स्थान दें और उनके परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति शांति शांति”।
डोम राजा सनातन संस्कृति की सबसे अभिन्न कड़ी हैं जो अपनी अग्नि से लोगों को मोक्ष का द्वार दिखाते हैं। बाबा विश्वनाथ से प्रार्थना है कि डोम राजा श्री जगदीश चौधरी जी को अपने श्री चरणों में स्थान दें और उनके परिजनों को यह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति शांति शांति
— Amit Shah (@AmitShah) August 25, 2020
काशी नरेश और काशी के डोम राजा का भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार राजा हरिशचन्द्र ने स्वयं को कालू डोम को बेच दिया था। उसके बाद से वाराणसी मे डोम समुदाय का प्रमुख डोम राजा कहलाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरी बार वाराणसी से लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन के प्रस्तावकों मे डोम राजा जगदीश चौधरी भी शामिल थे।