नई दिल्लीः भारतीय रेलवे के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। देशव्यापी रेल विद्युतीकरण (Indian Railways Electrification) अभियान अब अपने अंतिम चरण में है और बहुत जल्द भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल होगा, जहाँ लगभग संपूर्ण रेल नेटवर्क बिजली से संचालित होगा। यह उपलब्धि न केवल रेलवे की परिचालन क्षमता को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगी, बल्कि शून्य कार्बन उत्सर्जन के राष्ट्रीय लक्ष्य को भी मजबूती प्रदान करेगी।
तेज़ी से पूरा हुआ मिशन विद्युतीकरण
बीते कुछ वर्षों में भारतीय रेलवे ने जिस गति से रेल लाइनों का विद्युतीकरण किया है, वह अपने आप में रिकॉर्ड है। पहले जहाँ यह प्रक्रिया दशकों में पूरी होती थी, वहीं अब हर साल हजारों किलोमीटर रेल मार्गों पर ओवरहेड इलेक्ट्रिक लाइन बिछाई गई। आज स्थिति यह है कि देश के लगभग सभी प्रमुख और व्यस्त रेल मार्ग विद्युत चालित हो चुके हैं, जबकि शेष बचे मार्गों पर भी कार्य अंतिम दौर में है।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, इस अभियान का मुख्य उद्देश्य डीजल पर निर्भरता को समाप्त करना और संचालन को अधिक किफायती, तेज़ और पर्यावरण के अनुकूल बनाना है।
पर्यावरण को सबसे बड़ा लाभ
रेल विद्युतीकरण का सबसे बड़ा फायदा पर्यावरण को होने जा रहा है। डीजल इंजनों से निकलने वाला धुआँ और कार्बन उत्सर्जन लंबे समय से चिंता का विषय रहा है। अब इलेक्ट्रिक इंजनों के बढ़ते उपयोग से न केवल ग्रीनहाउस गैसों में कमी आएगी, बल्कि स्टेशनों और रिहायशी इलाकों में वायु गुणवत्ता भी बेहतर होगी।
भारतीय रेलवे का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में वह अपनी बिजली की जरूरत का बड़ा हिस्सा सौर और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से पूरा करे। इससे रेलवे वास्तव में “ग्रीन ट्रांसपोर्ट सिस्टम” के रूप में स्थापित हो सकेगा।
यात्रियों को क्या मिलेगा फायदा
रेल विद्युतीकरण का सीधा असर यात्रियों के अनुभव पर भी पड़ेगा। तेज़ रफ्तार और बेहतर समयपालन: इलेक्ट्रिक इंजन अधिक तेज़ गति से चलने और जल्दी रफ्तार पकड़ने में सक्षम होते हैं, जिससे ट्रेनों की समय-सारिणी सुधरेगी। कम शोर और कम कंपन: डीजल इंजनों की तुलना में इलेक्ट्रिक ट्रेनें शांत होती हैं, जिससे सफर अधिक आरामदायक होगा।
आधुनिक ट्रेनों का विस्तार: वंदे भारत जैसी सेमी-हाई स्पीड ट्रेनों का संचालन और आसान होगा और इन्हें अधिक मार्गों पर चलाया जा सकेगा।
रेलवे की आर्थिक सेहत होगी मजबूत
डीजल की बढ़ती कीमतें लंबे समय से रेलवे के बजट पर बोझ डाल रही थीं। विद्युतीकरण के बाद ईंधन लागत में बड़ी बचत होगी। साथ ही, इलेक्ट्रिक इंजनों का रखरखाव खर्च भी अपेक्षाकृत कम होता है। इससे रेलवे की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी और भविष्य में यात्रियों को बेहतर सुविधाएँ देने के लिए अधिक संसाधन उपलब्ध होंगे।
चुनौतियाँ और आगे की राह
हालाँकि अभियान लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन कुछ दूरदराज़ और कठिन भौगोलिक क्षेत्रों में अभी भी तकनीकी चुनौतियाँ बनी हुई हैं। रेलवे का फोकस अब इन अंतिम बचे हिस्सों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने और बिजली आपूर्ति को पूरी तरह विश्वसनीय बनाने पर है।
Read Also: वंदे भारत ट्रेन में लोकल खाना का स्वाद, फर्जी टिकट पर एक्शन
भारतीय रेलवे का विद्युतीकरण अभियान केवल एक तकनीकी परियोजना नहीं, बल्कि देश के सतत विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। यह पहल न सिर्फ यात्रियों को तेज़, स्वच्छ और आधुनिक परिवहन सुविधा देगी, बल्कि भारत को पर्यावरण संरक्षण और कार्बन न्यूट्रल लक्ष्य की ओर भी निर्णायक रूप से आगे बढ़ाएगी। आने वाले वर्षों में भारतीय रेलवे एक ऐसे हरित परिवहन मॉडल के रूप में उभरेगी, जिस पर देश को गर्व होगा
