पटनाः लॉकडाउन में जिन्दा रहने की जद्दोजहद करते दूसरे प्रदेश में फंसे बिहारी मजदूरों को लेकर नीतीश सरकार का एक संवेदनहीन फैसला सामने आया है। सरकार ने एलान किया है कि वह वापस लौट रहे मजदूरों के ट्रेन का किराया नहीं देगी। ट्रेन का किराया मजदूरों को खुद ही वहन करना होगा।
ये बातें बिहार आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने शनिवार के वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये मीडिया से मुखातिब होते हुए कही। उन्हों ने मजूरों के ट्रेन किराया को लेकर मीडिया द्वारा पुछे गए सवाल के जवाब में कहा कि वापस लौटने वाले लोगों को ट्रेन का खर्च खुद ही वहन करना होगा।
उधर रेलवे ने स्पेशल ट्रेन का किराया यात्रियों से लेने से इंकार कर दिया है। रेलवे के हवाले से प्राप्त जानकारी के मुताबिक श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन राज्य सरकारों के आग्रह पर किया जा रहा है, लिहाजा रेलवे के पास ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है जिससे उन ट्रेनों में यात्रा करने वालों से पैसा वसूला जा सके। रेलवे मजदूरों का भाड़ा उसी राज्य सरकार लेगी जिस राज्य के लोग वापस लौट रहे हैं।
रेलवे के मुताबिक प्रति व्यक्ति स्लीपर श्रेणी का किराया, सुपर फास्ट चार्ज और भोजन-पानी के 40 रूपये लिये जायेंगे। ट्रेन में सफर करने वाले सभी यात्रियों का कुल खर्च जोडा जायेगा और बिल राज्य सरकार को भेजा जायेगा।