धनबादः दुनिया के सामने मिशाल बनना हो तो किसी के सहारे की जरुरत नहीं खुद के मन में विश्वास, लगन और कुछ कर गुजरने का हौसला होना चाहिए। अब धनबाद के उत्तम सिंह को हीं ले लिजिए। उत्तम ने एक ऐसे काम का बिड़ा उठाया है जिससे शर्मसार तो सब होते हैं लेकिन उसके खिलाफ कुछ करने की जरुरत नहीं समझते। उत्तम इन दिनों ट्रेन के टॉयलेटों में मनचलों द्वारा लिखे गए अनाप सनाम बातों से लोगों को निजात दिलाने में लगे हैं।
मैं आपका रुख उन अनाप-सनाप बातों की कर रहा हूं, जो अमूमन हर ट्रेन के टॉयलेट में शोहदों द्वारा लिख दिए जाते हैं और जिनकी वजह से कई बार हमें शर्मसार होना पड़ता है। लेकिन शर्मसार होने के बाद हम ये सोचकर कुछ नहीं कर पाते कि हमें इससे क्या, हमें रोज थोड़े ना इस ट्रेन में सफर करना है।
धनबाद के रहने वाले कॉमनमैन उत्तम सिंह ट्रेन के टॉयलेटों में कुछ दिनों से “स्टॉप राइटिंग, इस शौचालय का प्रयोग आपकी मां-बहन भी करेंगी।” लिखते चल रहे हैं। उत्तम से ये काम सरकार या रेलवे नहीं कर रहा है बल्कि वे खुद कर रहे हैं।
दरअसल उत्तम इस काम को समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझते हुए इसे निभा रहे हैं। उत्तम जब भी ट्रेन में सफर करते हैं, टॉयलेट में लिखे गए बेहूदा कमेंट्स को साफ करना नहीं भूलते। ऐसा करने में उन्हें जरा भी संकोच नहीं होता। यही वजह है कि वे अब तक 250 से ज्यादा ट्रेनों में टॉयलेट्स में लिखे भद्दे कमेंट साफ कर चुके हैं।
इसके पिठे की वजह बताते हुए उत्तम ने कहा कि एक साल पहले वो कोलफील्ड एक्सप्रेस से हावड़ा से धनबाद आ रहे थे। साथ में पत्नी अपर्णा और 8 साल की बेटी वर्षा भी थी। ट्रेन कुछ ही दूर चली थी कि बेटी ने टॉयलेट जाने को कहा। बेटी जब टॉयलेट से बाहर आई तो कुछ अनमनी सी नजर आई।
जब उससे पूछा तो उसने टॉयलेट की दीवारों पर लिखे भद्दे कमेंट्स का अर्थ पूछा। इसके बाद वो तुरंत टॉयलेट के अंदर गए और दीवार में लिखे अश्लील वाक्य मिटा दिए। दरवाजा खुला था और कुछ लोग उन्हें ऐसा करते देख रहे थे, लेकिन उन्होंने संकोच नहीं किया और अपना काम पूरा किया।
उत्तम सिंह ने बताया कि वे अब अश्लील शब्दों को मिटाने के अलावा लोगों को जागरूक भी करते हैं। लोगों को जागरूक करने के लिए वो एक पैंफ्लेट भी चिपकाते हैं, जिस पर लिखा होता- “ऐसी कोई बात इन दीवारों पर न लिखें, जिन्हें हम आपकी मां, बहन व घर के सदस्यों के सामने भी पढ़कर शर्मिंदा हों।”